बैठक समाप्त होने के कुछ ही देर बाद कुमार रविवार को राजग के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार दोपहर को दिल्ली पहुंच गए थे। राजद नेता ने कहा, इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री बिहार और यहां के लोगों के प्रति कितने गंभीर हैं। उन्होंने रविवार को होने वाली एक राजनीतिक बैठक में भाग लेना पसंद किया और इसके लिए वे एक दिन पहले ही दिल्ली चले गए।
ALSO READ:
उन्होंने दावा किया, मैं यही कहता रहा हूं कि भाजपा और जद(यू) को बिहार की कोई चिंता नहीं है। राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दावा किया कि राज्य के नौकरशाहों ने कुमार को नीति आयोग की बैठक में भाग लेने से रोका क्योंकि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए हैं।
किशोर ने आरोप लगाया, नीतीश कुमार को अपना नाम भी याद नहीं है। उनकी मानसिक स्थिति पूरे देश के सामने आ जाती, इसलिए उन्हें बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया। राष्ट्रगान बजने पर मुख्यमंत्री ताली बजाते हैं। भाजपा ने चुनाव के बाद उन्हें हटाने का मन बना लिया है। इसलिए उन्हें बैठक से दूर रखा गया।
ALSO READ:
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हो सके क्योंकि उन्हें पटना में कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रम थे, लेकिन राज्य से संबंधित मुद्दों को अच्छी तरह से उठाया गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
You may also like
राजस्थान में मुफ्त बिजली, 150 यूनिट तक होगी फ्री, बस एक काम कर लीजिए
शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का पार्थिव शरीर अयोध्या पहुंचा, जानें कब होगा अंतिम संस्कार
Aaj Ka Panchang : वट सावित्री व्रत का पावन पर्व, 2 मिनट के वायरल वीडियो में जानें पूजन विधि, शुभ योग और दिनभर के शुभ मुहूर्त
बॉर्डर पर जाबांजी और जोश... नाम हैं कमांडर नेहा, असिस्टेंट कमाडेंट नेहा भंडारी की कहानी है बेमिसाल
आज का मीन राशिफल, 26 मई 2025 : आज मेहनत रंग लाएगी, बस भावनाओं में बहकर अपने राज न खोल दें