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बरेली हिंसा: सीएम योगी का तीखा बयान, 'मौलाना भूल गया कि सत्ता में अब कौन है?'

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बरेली: उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हिंसा और उपद्रव की खबरों ने हलचल मचा दी है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि उपद्रवियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, “यही समय है, सही समय है। उपद्रवियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि वे दोबारा अराजकता फैलाने की सोच भी न सकें।”

सीएम योगी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खासकर त्योहारों के मौके पर अशांति फैलाने की साजिशों पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाया। सीएम ने कहा, “दशहरा बुराई और आतंक के खात्मे का पर्व है। उपद्रवियों पर ऐसी कार्रवाई हो कि वे दोबारा ऐसी गलती करने की हिम्मत न जुटा सकें।”

जुलूस और भड़काऊ नारेबाजी पर सख्ती

हाल ही में कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, उन्नाव, संभल, आगरा और बरेली जैसे शहरों में जुलूसों और भड़काऊ नारेबाजी की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीएम योगी ने इसे प्रदेश का माहौल खराब करने की साजिश करार दिया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी हरकतें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। सीएम ने प्रशासन को निर्देश दिए कि उपद्रवियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। जुलूसों में शामिल हर शख्स की पहचान हो, कोई भी बचने न पाए। वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया की निगरानी कर हर उपद्रवी को चिह्नित किया जाए।

देर रात हुई हाई लेवल मीटिंग

सीएम योगी ने देर रात कानून-व्यवस्था को लेकर एक अहम बैठक की। इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों, जोनल एडीजी, आईजी, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को सख्त निर्देश दिए गए। सीएम ने अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया और कहा कि हर नागरिक की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि त्योहारों के दौरान शांति बनी रहे।

महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

सीएम योगी ने गरबा और डांडिया जैसे आयोजनों में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा। साथ ही, महिला अपराधों जैसे छेड़खानी, चेन स्नेचिंग या एसिड अटैक जैसी घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने न केवल थानों और चौकियों की जिम्मेदारी तय करने की बात कही, बल्कि पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (PRV) की भूमिका की भी जांच करने के निर्देश दिए। अपराधियों को सजा दिलाने के लिए तेजी से पैरवी करने पर भी जोर दिया गया।

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