केंद्रीय पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) चुनने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और उससे जुड़े लाभों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी 20 साल की नियमित सेवा पूरी कर चुका है, तो वह VRS ले सकता है। लेकिन इसके लिए उसे कम से कम 3 महीने पहले नोटिस देना होगा। यह खबर उन सभी कर्मचारियों के लिए जरूरी है जो अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर सोच रहे हैं।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट: पेंशनरों के लिए जरूरी समयहर साल नवंबर का महीना पेंशनरों के लिए बेहद खास होता है। अगर आपकी पेंशन बिना रुकावट के मिलती रहे, इसके लिए ‘जीवन प्रमाण पत्र’ यानी लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी है। केंद्र सरकार के पेंशनरों के लिए इसकी आखिरी तारीख 30 नवंबर है। यह सर्टिफिकेट इस बात का सबूत है कि पेंशन लेने वाला व्यक्ति जीवित है। अच्छी खबर ये है कि सरकार ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ‘जीवन प्रमाण’ नाम से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) की सुविधा शुरू की है। लेकिन कई लोग अभी भी इस सुविधा को लेकर कन्फ्यूज हैं कि इसे कौन इस्तेमाल कर सकता है और कौन नहीं।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) क्या है?डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट यानी ‘जीवन प्रमाण’ पेंशनरों के लिए एक डिजिटल सुविधा है, जो उनकी जिंदगी को आसान बनाती है। पहले पेंशनरों को हर साल बैंक या डाकघर जाकर फॉर्म जमा करना पड़ता था। लेकिन अब आप अपनी उंगलियों की छाप (फिंगरप्रिंट) या आंख की पुतली (आइरिस) की मदद से बायोमेट्रिक पहचान के जरिए यह सर्टिफिकेट डिजिटल तरीके से जमा कर सकते हैं। यह प्रक्रिया इतनी आसान है कि आपको लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं। सर्टिफिकेट जमा होने के बाद आपको 10 अंकों की एक यूनिक ‘प्रमाण आईडी’ मिलती है, जो इसका सबूत होती है।
कौन बनवा सकता है ‘जीवन प्रमाण’?‘जीवन प्रमाण’ की सुविधा खास तौर पर सरकारी खजाने से पेंशन पाने वालों के लिए है।
- केंद्र सरकार के पेंशनर: जो कर्मचारी केंद्र सरकार से रिटायर हुए हैं और पेंशन ले रहे हैं, वे इस सुविधा का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
- राज्य सरकार के पेंशनर: अलग-अलग राज्यों के पेंशनर भी इस डिजिटल सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- स्थानीय निकाय और अन्य संस्थाएं: नगर निगम जैसी स्थानीय संस्थाओं या अन्य सरकारी संगठनों से पेंशन लेने वाले भी इसके लिए योग्य हैं।
लेकिन एक जरूरी शर्त है—आपकी पेंशन देने वाली संस्था, जैसे बैंक या डाकघर, ‘जीवन प्रमाण’ पोर्टल पर रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
कौन नहीं ले सकता इस सुविधा का लाभ?यहां सबसे ज्यादा कन्फ्यूजन है। ‘जीवन प्रमाण’ की वेबसाइट साफ बताती है कि यह सुविधा उन लोगों के लिए नहीं है जो कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), 1995 के तहत पेंशन ले रहे हैं। यह जानकारी बहुत जरूरी है क्योंकि देश में करोड़ों लोग EPS के दायरे में आते हैं। हालांकि, एक खास बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति EPS 1995 के तहत पेंशन ले रहा है और साथ ही केंद्र या राज्य सरकार से भी पेंशन (पारिवारिक पेंशन को छोड़कर) ले रहा है, तो वह अपनी सरकारी पेंशन के लिए ‘जीवन प्रमाण’ का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन सिर्फ EPS 1995 की पेंशन के लिए यह मान्य नहीं है।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट कैसे और कहां जमा करें?डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान है।
- आप अपनी पेंशन देने वाली एजेंसी, जैसे बैंक शाखा या डाकघर, में जाकर इसे बनवा सकते हैं।
- ‘जीवन प्रमाण’ की आधिकारिक वेबसाइट (jeevanpramaan.gov.in) पर भी आप इसे जमा कर सकते हैं।
- देशभर में फैले नागरिक सेवा केंद्रों (CSCs) पर भी यह सुविधा उपलब्ध है।
- खास बात यह है कि विदेश में रहने वाले एनआरआई पेंशनर भी इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
इसे बनवाने के लिए आपको अपना पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर, बैंक खाते की जानकारी, मोबाइल नंबर और आधार नंबर चाहिए। आधार नंबर आपकी बायोमेट्रिक पहचान के लिए जरूरी है।
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