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Samoa में इबोला का कहर! भारत में कैसे रखें खुद को सुरक्षित?

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पैसिफिक द्वीप समूह में स्थित Samoa में हाल ही में इबोला वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस गंभीर बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। भारत में, जहां सैमोआ और अन्य प्रभावित क्षेत्रों से यात्रा करने वाले लोग आ सकते हैं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। आइए जानते हैं कि इबोला क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, और भारत में इससे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

इबोला वायरस: कितना खतरनाक है?

इबोला वायरस एक जानलेवा बीमारी है, जो इंसानों और प्राइमेट्स को प्रभावित करती है। यह वायरस जंगली जानवरों, जैसे चमगादड़ या बंदरों से इंसानों में फैलता है और फिर मानव-से-मानव संपर्क के जरिए तेजी से फैल सकता है। WHO के अनुसार, इबोला का औसत मृत्यु दर लगभग 50% है, जो इसे बेहद खतरनाक बनाता है। यह रक्त, मल, उल्टी, या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। सैमोआ में हाल के अलर्ट ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय को सतर्क कर दिया है, क्योंकि यह बीमारी तेजी से फैल सकती है।

सैमोआ में क्या है स्थिति?

सैमोआ के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में इबोला के संभावित मामलों की निगरानी शुरू की है। हालांकि अभी तक कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानी के तौर पर यात्रियों की स्क्रीनिंग और निगरानी बढ़ा दी गई है। 2019 में सैमोआ में खसरे का प्रकोप देखा गया था, जिसने स्वास्थ्य प्रणाली को हिलाकर रख दिया था। तब कम वैक्सीनेशन दर के कारण 5,700 से अधिक मामले सामने आए थे और 83 लोगों की मौत हो गई थी। इस अनुभव से सबक लेते हुए, सैमोआ अब इबोला के खतरे को गंभीरता से ले रहा है और स्थानीय समुदायों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है।

भारत में सावधानी के उपाय

भारत में इबोला का जोखिम अभी कम है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। विशेष रूप से उन लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है जो हाल ही में सैमोआ या अन्य प्रभावित क्षेत्रों से लौटे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

  • यात्रा इतिहास की जांच: अगर आपने हाल ही में सैमोआ या अन्य प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा की है, तो अपने स्वास्थ्य की निगरानी करें। बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, या उल्टी जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • स्वच्छता का ध्यान: बार-बार हाथ धोएं, सैनिटाइजर का उपयोग करें, और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क से बचें।
  • अस्पतालों में तैयारी: भारत सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे आइसोलेशन वार्ड तैयार रखें और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का स्टॉक रखें।
  • जागरूकता बढ़ाएं: अगर आप स्वास्थ्यकर्मी हैं, तो इबोला के लक्षणों को पहचानने और सख्त感染 नियंत्रण उपायों का पालन करने के लिए प्रशिक्षण लें।
वैक्सीन और रोकथाम

हालांकि सैमोआ में इबोला वैक्सीन (जैसे Ervebo) का उपयोग सीमित है, लेकिन WHO ने इसे उच्च जोखिम वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अनुशंसित किया है। भारत में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग बढ़ा दी है और यात्रियों को सलाह दी है कि वे 21 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी करें। इबोला का ऊष्मायन अवधि 2 से 21 दिन है, और लक्षण दिखाई देने से पहले यह संक्रामक नहीं होता। इसलिए, शुरुआती पहचान और आइसोलेशन इस बीमारी को नियंत्रित करने की कुंजी है।

आगे क्या करें?

सैमोआ में इबोला अलर्ट ने भारत को भी सतर्क कर दिया है। 2014 में, जब पश्चिम अफ्रीका में इबोला का प्रकोप हुआ था, तब भारत ने अपने 45,000 नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यापक कदम उठाए थे। अब भी, सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ मिलकर इस खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं। अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अपने गंतव्य के स्वास्थ्य अलर्ट की जांच करें और सावधानी बरतें। जागरूक रहें, सुरक्षित रहें!

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