केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए दिवाली पर बोनस का बड़ा ऐलान कर दिया है। आज यानी 24 सितंबर को हुई कैबिनेट मीटिंग में रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस (पीएलबी) को हरी झंडी दे दी गई। इसके लिए 1866 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है, जो 10.90 लाख रेलवे कर्मचारियों को सीधा फायदा पहुंचाएगा। यह बोनस सिर्फ नॉन गजेटेड रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा, ताकि भारतीय रेलवे की बेहतर कार्यकुशलता और उनके योगदान को सलाम किया जा सके।
पिछले साल करीब 11 लाख रेलवे कर्मचारियों को यह बोनस मिला था, जिससे न सिर्फ उनका मनोबल ऊंचा हुआ, बल्कि त्योहारी सीजन में शॉपिंग को भी अच्छा बूस्ट मिला। इस साल भी बाजार पर वैसा ही असर देखने को मिल सकता है। यह बोनस कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है और बाजार के लिए भी खुशखबरी। दुकानदार और कारोबारी दिवाली के दौरान ज्यादा डिमांड की उम्मीद लगाए बैठे हैं, खासकर हाल ही में जीएसटी में की गई कटौती के बाद उनकी उम्मीदें और बढ़ गई हैं। रेलवे कर्मचारी, जो शहरों और छोटे शहरों में एक बड़ा कंज्यूमर ग्रुप हैं, इस बोनस से इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े और दूसरे सामान की खरीदारी बढ़ा सकते हैं।
अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स बताते हैं कि त्योहारी बोनस का असर सिर्फ कर्मचारियों की जेब तक नहीं रुकता, बल्कि यह अर्थव्यवस्था में मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा करता है। मतलब, यह पैसा बाजार में घूमता है, डिमांड बढ़ती है और आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाती हैं। खासकर जब महंगाई कंट्रोल में है और सरकार कंज्यूमर खर्च को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में यह बोनस साल के आखिरी तीन महीनों में डिमांड को बनाए रखने में मदद कर सकता है। हालांकि, सरकार इस बीच अपने खर्च और आर्थिक बैलेंस को भी ध्यान में रख रही है।
रेलवे यूनियन की मांगरेलवे कर्मचारी यूनियनों ने बोनस की राशि बढ़ाने की मांग की थी। उनका कहना है कि अभी बोनस का कैलकुलेशन छठे वेतन आयोग के न्यूनतम वेतन 7,000 रुपए के आधार पर हो रहा है, जो ठीक नहीं है। इंडियन रेलवे एम्प्लॉइज फेडरेशन (आईआरईएफ) के नेशनल जनरल सेक्रेटरी सर्वजीत सिंह ने कहा था, ‘सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए है, जो 1 जनवरी 2016 से लागू है। फिर भी बोनस पुराने वेतन के आधार पर देना गलत है।’ ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) ने भी बोनस की राशि बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि 7,000 रुपए की मंथली लिमिट अब पुरानी पड़ चुकी है और इसे मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से अपडेट करना जरूरी है। इसके अलावा, यूनियनों ने दशहरा से पहले बोनस देने और 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए सरकारी नोटिफिकेशन जारी करने की भी मांग की है।
You may also like
पत्नी या गर्लफ्रेंड… किसे संभालना` ज़्यादा` मुश्किल है? मर्दों, जवाब दो….
कश्मीर में मंडरा रहा सोशल मीडिया का आतंकी ख़तरा, उपराज्यपाल ने दिया संयुक्त मोर्चे का संदेश
बिहार को आईटी हब बनाने की दिशा में कदम, मंत्री ने की निवेशकों को आकर्षित करने की अपील
रात को सोने से पहले भूलकर` भी न पिएं पानी अगर आप भी हैं इन 5 में से किसी एक बीमारी से पीड़ित वरना हो सकता है गंभीर नुकसान
सड़क हादसों का खतरा बढ़ा, अवैध टेम्पूओं पर पुलिस चुप क्यों?