7 अक्टूबर 2025, मंगलवार का दिन है, और हिंदू पंचांग के हिसाब से ये दिन खास है। आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि सुबह जल्दी खत्म हो रही है, जिसके बाद एक नया दौर शुरू होगा। शरद ऋतु की ठंडी हवाएं और प्रकृति का बदलता मिजाज इस दिन को और खास बनाते हैं। लोग इस समय पूजा-पाठ, धार्मिक कामों और रोजमर्रा के फैसलों के लिए पंचांग की ओर देखते हैं। आज वाल्मीकि जयंती भी है, जब रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को याद किया जाता है और घर-घर में दीप जलाए जाते हैं। आइए, आज के पंचांग की पूरी जानकारी लेते हैं, जो आपके दिन को और बेहतर बना सकती है।
तिथि, नक्षत्र और योग का हालसुबह 9:17 बजे तक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसके बाद कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा शुरू होगी, जो अगली सुबह 5:53 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा का प्रभाव दिनभर हल्का-सा महसूस होगा। नक्षत्र की बात करें तो रेवती नक्षत्र रात 1:28 बजे तक रहेगा। ये नक्षत्र यात्रा और नए कामों के लिए अच्छा है, लेकिन गंडमूल होने की वजह से थोड़ी सावधानी जरूरी है।
योग में व्याघात सुबह 9:31 बजे से शुरू होगा। ये योग थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन ये छोटी-मोटी रुकावटों को पार करने का हौसला भी देता है। करण में बालव दोपहर 7:37 बजे तक रहेगा, फिर कौलव आएगा। ये संयोजन उन लोगों के लिए अच्छा है, जो बिना जल्दबाजी के धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहते हैं।
सूर्योदय सुबह 6:24 बजे और सूर्यास्त शाम 6:04 बजे होगा। चंद्रोदय शाम 6:12 बजे, जबकि चंद्रास्त अगली सुबह 7:21 बजे होगा। चंद्रमा मीन राशि में रहेगा, जो भावनाओं और आध्यात्मिकता को बढ़ाता है। दिल्ली या आसपास के लोग सूर्य नमस्कार के लिए सुबह की ठंडी हवाओं का फायदा उठा सकते हैं।
शुभ मुहूर्त: काम शुरू करने का सही समयशुभ समय की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:51 से 12:38 बजे तक रहेगा। ये समय किसी भी बड़े काम, जैसे दस्तावेज साइन करना या छोटी पूजा के लिए बिल्कुल सही है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:48 से 5:36 बजे तक है, जो योग और ध्यान के लिए बेहतरीन है।
रात में अमृत काल 11:18 बजे से 12:44 बजे तक रहेगा। इस समय चांदनी में की गई कोई भी इच्छा पूरी होने की उम्मीद रहती है। चौघड़िया में दिन का लाभ 10:47 से 12:14 बजे और अमृत 12:14 से 1:42 बजे तक शुभ रहेगा। रात में शुभ समय 10:42 से 12:14 बजे तक है। खरीदारी, यात्रा या घरेलू कामों के लिए इन समयों का फायदा उठाएं। पंचांग समय तो बताता है, लेकिन असली जादू आपकी मेहनत और नीयत से होता है।
अशुभ काल: इन घंटों में रहें सावधानपंचांग में अशुभ समय भी बताया जाता है, ताकि हम गलत वक्त में बड़े फैसले लेने से बचें। राहु काल दोपहर 3:09 से 4:37 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई बड़ा काम या फैसला न करें। यमगंड सुबह 9:19 से 10:47 बजे और गुलिक काल दोपहर 12:14 से 1:42 बजे तक रहेगा। वर्ज्यम दोपहर 2:44 से 4:10 बजे तक है, जो विवाह या नामकरण जैसे कामों के लिए ठीक नहीं। दुर्मुहूर्त सुबह 8:44 से 9:31 बजे और रात 11:00 से 11:50 बजे तक रहेगा। रेवती नक्षत्र गंडमूल होने की वजह से नए प्रोजेक्ट या नवजात से जुड़े कामों में सावधानी बरतें। ये समय पुराने काम निपटाने या आराम करने के लिए ठीक है।
त्योहार और परंपराएं7 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी। ये दिन रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिन है। लोग मंदिरों में जाकर पूजा करेंगे और रामायण की कथाएं सुनेंगे। इसी दिन मीरा बाई जयंती भी है, जो भक्ति की प्रतीक हैं। आश्विन पूर्णिमा का असर होने से शरद पूर्णिमा की चांदनी का मजा भी लिया जा सकता है, हालांकि मुख्य पूजा पिछले दिन हो चुकी होगी।
इन पर्वों में दूध-खीर का प्रसाद बांटा जाता है, जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी अच्छा है। घर पर पूजा करना चाहें तो सुबह पूर्णिमा तिथि में सरल पूजन करें। ये दिन हमें सिखाता है कि साहित्य और भक्ति जीवन को कितना खूबसूरत बनाते हैं।
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