Hair Fall Causes : बालों का झड़ना आजकल एक आम समस्या बन चुकी है, जिससे हर उम्र और लिंग के लोग परेशान हैं। ज्यादातर लोग इसे सिर्फ़ एक कॉस्मेटिक दिक्कत समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। थोड़ा-बहुत बाल झड़ना तो सामान्य है, लेकिन अगर यह लगातार और असामान्य रूप से हो रहा है, तो यह आपके शरीर में किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। हमारे बाल अक्सर शरीर के अंदरूनी असंतुलन को सबसे पहले दर्शाते हैं।
अगर आपके बाल तेज़ी से झड़ रहे हैं, तो यह सिर्फ़ सतह की समस्या नहीं हो सकती। यह किसी छुपी हुई बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। आइए, कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में जानते हैं, जो बालों के झड़ने की वजह बन सकती हैं, ताकि आप सिर्फ़ लक्षण का इलाज न करें, बल्कि उसकी जड़ तक पहुंचें।
थायरॉइड की गड़बड़ी: बालों पर पड़ता है असरथायरॉइड की समस्या, जैसे हाइपोथायरायडिज्म (कम सक्रिय थायरॉइड) और हाइपरथायरायडिज्म (अधिक सक्रिय थायरॉइड), बालों के झड़ने की बड़ी वजह हो सकती है। 2023 में हुए एक अध्ययन, Thyroid Dysfunction on Hair Disorders, में बताया गया कि हाइपरथायरायडिज्म से पीड़ित 50% और हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित 33% लोगों में बालों का झड़ना देखा गया।
थायरॉइड ग्रंथि हमारे बालों के विकास को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स को संतुलित करती है। अगर इसमें कोई गड़बड़ी होती है, तो बाल पतले, कमज़ोर या तेज़ी से झड़ने लगते हैं।
आयरन की कमी: बालों की जड़ें हो रही हैं कमज़ोरशरीर में आयरन की कमी (एनीमिया) होने पर बालों के रोमछिद्रों तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे बाल कमज़ोर होकर झड़ने लगते हैं। खासकर महिलाओं में यह समस्या स्कैल्प पर बालों को पतला कर देती है। मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ऑफ द सेल (2015) में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, बाल झड़ने वाली महिलाओं में सीरम फेरिटिन (आयरन का स्तर) सामान्य लोगों की तुलना में कम पाया गया। यह खासकर रजोनिवृत्ति से पहले की महिलाओं में ज्यादा देखा गया।
आयरन की कमी सिर्फ़ बालों को ही नहीं, बल्कि थकान और त्वचा के पीलेपन का कारण भी बन सकती है।
हार्मोनल असंतुलन: PCOS और मेनोपॉज़ का प्रभावमहिलाओं में हार्मोनल बदलाव, जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज़) के दौरान, बालों के झड़ने और उनके सामान्य विकास को प्रभावित कर सकते हैं। PCOS में एण्ड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने से बाल पतले हो सकते हैं और चेहरे पर अनचाहे बाल उगने लगते हैं।
ऑटोइम्यून बीमारियां: इम्यून सिस्टम का हमलाऑटोइम्यून बीमारियों, जैसे एलोपेसिया एरियाटा और ल्यूपस, में हमारा इम्यून सिस्टम गलती से बालों की जड़ों पर हमला कर देता है, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। ल्यूपस में बालों के झड़ने के साथ-साथ थकान, जोड़ों में दर्द और त्वचा की समस्याएं भी हो सकती हैं। एक शोध के अनुसार, एलोपेसिया एरियाटा से पीड़ित लोगों में ल्यूपस का खतरा बढ़ जाता है।
पोषण की कमी: बालों की सेहत का आधारहमारे बाल केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं, जिसमें तीन परतें होती हैं: क्यूटिकल (बाहरी परत), कॉर्टेक्स (मध्य परत, जो मजबूती और रंग देती है) और मेडुला (आंतरिक कोर)। इनमें लिपिड, पानी और सूक्ष्म खनिज भी शामिल होते हैं। प्रोटीन, विटामिन डी, बी12 या जिंक की कमी बालों की संरचना को कमज़ोर कर देती है। खराब खान-पान या क्रैश डाइटिंग से बाल बेजान होकर तेज़ी से झड़ने लगते हैं।
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