कानपुर, 20 मई . नवाचार-संचालित उद्यमिता ही भविष्य है. वैश्विक शैक्षणिक साझेदारी को बढ़ावा देकर, हम व्यावहारिक साधनों को उद्देश्य-संचालित सोच के साथ जोड़ने और उद्यमियों और परिवर्तन करने वालों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह बातें मंगलवार को प्रोफेसर डॉ बीवी फणी ने कही.
भारतीय पौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) के डीओएमएस विभाग में
नवाचार, उद्यमिता और मूल्यांकन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. पांच दिनों के दौरान, प्रतिभागियों ने डिजाइन थिंकिंग, उद्यमी मानसिकता, सामाजिक प्रभाव नवाचार, मूल्य सृजन और मूल्य कैप्चरिंग सहित विविध विषयों की खोज की. स्पेगेटी-मार्शमैलो टॉवर चैलेंज, निवेश पिच सिमुलेशन और वॉलेट डिज़ाइन अभ्यास जैसी इंटरैक्टिव गतिविधियों ने व्यावहारिक सीखने के अनुभव प्रदान किए.
पूनिया ने शिक्षा और खेल के माध्यम से युवा लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए अपनी प्रेरक उद्यमशीलता यात्रा को साझा किया, साथ ही संसाधन पूलिंग (वित्त सहित) के लिए हितधारक जुड़ाव के लिए अपने अभिनव दृष्टिकोणों को भी साझा किया.
डॉ. शांतनु दत्ता के सत्र में उन्होंने प्रतिभागियों को उद्यमशील वित्त की व्यापक समझ प्रदान की. उन्होंने सापेक्ष मूल्यांकन, नकदी प्रवाह पूर्वानुमान और मूल्यांकन, अल्पकालिक वित्तीय नियोजन जैसे उन्नत विषयों को कवर किया तथा उपस्थित लोगों को व्यावहारिक मूल्यांकन उपकरणों से लैस किया. इन सत्रों ने प्रतिभागियों को वित्तपोषण स्रोतों का विश्लेषण करने, मूल्यांकन मॉडल लागू करने, तथा गतिशील वातावरण में वित्तीय स्थिरता के लिए योजना बनाने में सक्षम बनाया.
कार्यशाला का समापन उद्देश्य के साथ नवाचार, उद्यमिता, वित्त और मूल्यांकन शीर्षक से एक पैनल चर्चा में हुआ. जिसमें सभी मुख्य वक्ता शामिल थे. चर्चा में उद्देश्य-संचालित नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ वित्तीय कौशल के एकीकरण के महत्व पर जोर दिया गया.
/ रोहित कश्यप
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