वाराणसी, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । लखनऊ से स्थानांतरण के बाद घरेलू सामान को वाराणसी शिफ्ट कराने की तैयारी कर रहे पत्रकार शरद को ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट कम्पनी खोजने की भारी कीमत चुकानी पड़ी। गूगल सर्च के माध्यम से मिली एक फर्जी कम्पनी के झांसे में आकर वह दो जालसाजों के शिकार हो गए, जिन्होंने फोन और व्हाट्सएप के जरिए उनसे हजारों रुपये की ठगी कर ली।
पीड़ित पत्रकार ने रविवार को वाराणसी पहुंचने के बाद स्थानीय मीडियाकर्मियों से अपनी आपबीती साझा की। पीड़ित पत्रकार ने बताया कि इंटरनेट पर उन्हाेंने ट्रांसपोर्ट कम्पनी खोजी थी, ताकि लखनऊ स्थित घर से वाराणसी तक घरेलू सामान भेजा जा सके। इस दौरान उन्हें एक नंबर (8189072517) मिला, जिससे राकेश नामक व्यक्ति ने संपर्क किया। उसने एक बड़ी ट्रांसपोर्ट कम्पनी का हवाला देते हुए घर से सामान पैक कर वाराणसी पहुंचाने की बात कही और अग्रिम भुगतान के तौर पर 1500 रुपये की मांग की।
जालसाज राकेश के संपर्क में आने के कुछ देर बाद ही एक अन्य नंबर (9956990591) से सौरभ यादव नामक व्यक्ति का फोन आया, उसने पहले राकेश को पहचानने से इनकार किया। बाद में बातचीत के क्रम में सौरभ ने राकेश को उसी ट्रांसपोर्ट कम्पनी का कर्मचारी बता दिया, जिससे पीड़ित भ्रमित हो गया।
राकेश ने कम्पनी के नियम बताते हुए पहले 1500 और फिर 1510 रुपये और मांगे, जिसे पीड़ित ने गूगल पे से भुगतान कर दिया। इसके बाद सौरभ यादव ने रिफंड के नाम पर एक हजार, फिर दो हजार रुपये और ठग लिए। कुल मिलाकर पत्रकार शरद से लगभग छह हजार रुपये की ठगी कर लिए गए।
जब पीड़ित को शक हुआ और उसने रकम वापस मांगी, तो दोनों जालसाजाें ने धमकियां देनी शुरू कर दीं। उन्होंने दावा किया कि कोई थाना या यूपी पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
लखनऊ से वाराणसी जाने की जल्दी के कारण पत्रकार एफआईआर दर्ज नहीं करा सके और ऑटो के जरिए एक विश्वसनीय ट्रांसपोर्ट से सामान बुक कर वाराणसी के लिए निकल गए।
पीड़ित पत्रकार का कहना है कि यह उनका पहला ट्रांसपोर्ट बुकिंग का अनुभव था, जिसमें ऐसी धोखाधड़ी की उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने अपील की है कि अन्य लोग इस तरह की ऑनलाइन ठगाें से सतर्क रहें और गूगल सर्च के आधार पर किसी अनजान नम्बर या व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें।————–
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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