मीरजापुर, 28 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . लोक आस्था और श्रद्धा का महापर्व छठ मंगलवार की सुबह कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि पर अपने चरम पर पहुंच गया. जिले के पक्का घाट, दाऊजी घाट, नारघाट, फतहां और संकठा घाट समेत तमाम गंगा तटों पर हजारों व्रती महिलाएं और श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने पहुंचे.
सूर्य नारायण के उदय होते ही घाटों पर जय छठी मैया, जय सूर्य नारायण भगवान और हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा. व्रती महिलाएं गंगा जल में खड़ी होकर कलश, नारियल और फल-ठेकुआ से अर्घ्य अर्पित करती नजर आईं. दीपों की लौ और गूंजते छठ गीतों ने माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया.
ढोल-नगाड़ों और डीजे की थाप पर पारंपरिक छठ गीत केतकी के फूल, भुइया फूले ना… की धुनें गूंजती रहीं. महिलाएं और बच्चे नाचते-गाते मां गंगा को नमन करते हुए आराधना में लीन दिखे. कई व्रती महिलाएं अपनी मनौती पूरी होने पर दंडवत यात्रा करते हुए घाट तक पहुंचीं. उनके चेहरे पर आस्था और संतोष का अद्भुत संगम झलक रहा था.
सूर्य देव की कृपा से संतान प्राप्त करने वाली माताएं अपने बच्चों को गोद में लेकर अर्घ्य देने पहुंचीं, मातृत्व की वह चमक श्रद्धा के साथ मिलकर घाट पर अनूठा दृश्य प्रस्तुत कर रही थी.
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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