अहमदाबाद, 23 मई . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 और 27 मई को दो दिवसीय गुजरात दौर पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री गुजरात के अपने दौरे में पहले दिन 26 मई को कच्छ जाएंगे और भुज में आयोजित समारोह में 53,414 करोड़ रुपए की कुल 33 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री जिन 33 विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण करने जा रहे हैं, उनमें गुजरात के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र ‘माता नो मढ़’ स्थित आशापुरा धाम के ‘माता नो मढ़ मास्टर प्लान’ के अंतर्गत हुए विकास कार्यों का ई-लोकार्पण भी शामिल है.
राज्य सरकार और गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड ने कच्छ जिले की लखपत तहसील में स्थित समूचे आशापुरा धाम परिसर के नवीनीकरण और पुनर्विकास के लिए 32.71 करोड़ रुपए का मास्टर प्लान क्रियान्वित किया था, जो अब पूर्ण हो गया है. इस मास्टर प्लान के तहत माता नो मढ़– आशापुरा माता मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की गई हैं.
राज्य सरकार यात्राधामों को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है और इसी कड़ी में गुजरात के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र माता नो मढ़ स्थित आशापुरा मंदिर और उसके आसपास के स्थलों के विकास का काम शुरू किया गया था. इन विकास कार्यों के पूरा होने से माता नो मढ़ – आशापुरा माता का मंदिर सुविधाओं से सुसज्जित हो गया है. मास्टर प्लान के अंतर्गत श्री आशापुरा माताजी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए बड़े पैमाने पर सुविधाएं और सहूलियतें विकसित की गई हैं. खाटला भवानी मंदिर और चाचरा कुंड को नया स्वरूप दिया गया है, तो रूपराय तालाब का सौंदर्यीकरण, एंट्रेंस प्लाजा और पार्किंग सुविधाएं विकसित की गई हैं. यात्राधाम परिसर में पीने के पानी की सुविधा, प्रसाधन, बैठक व्यवस्था और पौधरोपण के कार्य भी पूर्ण कर लिए गए हैं.
खाटला भवानी मंदिर का विकास
यूं तो माता नो मढ़ स्थित आशापुरा माता मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि के त्योहार के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आशापुरा माता का दर्शन करने के लिए आते हैं. मास्टर प्लान के अंतर्गत नवरात्रि से पहले आशापुरा माता परिसर में आने वाले माता के भक्तों के लिए खाटला भवानी मंदिर और चाचरा कुंड को नया स्वरूप दिया गया है.
खाटला भवानी मंदिर पर्वत की चोटी पर स्थित है, जहां सीढ़ियों (छत के साथ) के माध्यम से पहुंचा जा सकता है. पर्वत की चोटी पर मंदिर के पास एक बड़ा अविकसित क्षेत्र था, जहां से संपूर्ण माता नो मढ़ गांव को देखा जा सकता है. मास्टर प्लान के तहत खाटला भवानी मंदिर जाने के लिए सीढ़ियों का जीर्णोद्धार, मंदिर में पत्थर की क्लैडिंग तथा पर्वत पर तीर्थयात्रियों के लिए परिसर का विकास किया गया है. जिनमें, वॉक-वे, बाल क्रीड़ांगन, गजेबो की मरम्मत, वाहन के जरिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रैम्प-एप्रोच, पौधरोपण, पार्किंग और शौचालय ब्लॉक तथा अस्थायी स्टॉल के लिए शेड-चबूतरों और मुख्य प्रवेशद्वार जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं.
जर्जरित चाचरा कुंड का जीर्णोद्धार किया गया
माता नो मढ़ गांव में पौराणिक चाचरा कुंड स्थित है, जिसमें पूरे साल पानी भरा रहता है. कुंड के आसपास (परिसर की) विशाल जगह है. चाचरा कुंड बहुत ही जर्जरित स्थिति में था तथा परिसर में किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं थी. मास्टर प्लान के अंतर्गत चाचरा कुंड का अत्याधुनिक लाइटिंग के साथ जीर्णोद्धार किया गया है. चाचरा कुंड परिसर में वॉक-वे, बच्चों के खेलने के मैदान और बैठक व्यवस्था आदि सुविधाएं विकसित की गई हैं. परिसर में किचन और डाइनिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि यहां आने वाले तीर्थयात्री-पर्यटक अपना भोजन स्वयं पकाकर आराम से बैठकर खा सकें. इसके अलावा, एम्फी थियेटर जैसी बैठक व्यवस्था, पौधारोपण, शौचालय ब्लॉक और मंदिर के मुख्य प्रवेशद्वार की मरम्मत का काम भी पूरा हो चुका है. मास्टर प्लान के अंतर्गत अंतिम चरण में माता नो मढ़ में स्थित रूपराय तालाब और आशापुरा माता मंदिर के विकास कार्य भी पूरे कर लिए गए हैं.
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/ बिनोद पाण्डेय
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