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योग भारत की प्राचीनतम धरोहर : प्रो. वंदना सिंह

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जौनपुर, 03 जून . वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में सोमवार को मुक्तांगन परिसर में सूर्य नमस्कार पर आधारित विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह के नेतृत्व में विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार और विविध योगासन का अभ्यास किया.

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम धरोहर है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है. उन्होंने सूर्य नमस्कार को योग की एक अत्यंत प्रभावशाली श्रृंखला बताते हुए कहा कि यह अभ्यास सूर्य के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए शरीर, मन और आत्मा का समन्वय स्थापित करता है.

कुलपति प्रो. सिंह ने प्रतिभागियों को योग को जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाने का संदेश देते हुए कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है, जो भारतीय संस्कृति की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है.

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और योग प्रशिक्षक जय सिंह ने प्रतिभागियों को सूर्य नमस्कार की बारह शारीरिक क्रियाओं के साथ-साथ विभिन्न योगासन व प्राणायाम की विधियां अभ्यास पूर्वक कराई. प्रतिभागियों ने पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ योग सत्र में भाग लिया.

इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, कार्यक्रम संयोजक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. विक्रम देव शर्मा, प्रो. राजकुमार, प्रो. गिरिधर मिश्र, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. राजबहादुर यादव, उपकुलसचिव अमृत लाल, डॉ रसिकेश, डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय सहित विभिन्न संकायों के शिक्षकगण, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.————–

/ विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

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