जबलपुर, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) . मप्र की संस्कारधानी जबलपुर में sunday वाहन निर्माणी में तीन दिवसीय इंडियन डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कॉन्क्लेव 2025 का समापन निर्माणी के मुख्य महाप्रबंधक प्रवीण कुमार के मुख्य आतिथ्य में हुआ. समापन समारोह में एवीएनएल वाहन निर्माणी, सीआईआई तथा एमपीआईडीसी के अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में एक्जीबिटस, वेंडर्स तथा एमएसएमई प्रतिनिधि शामिल हुए.
उल्लेखनीय है कि एवीएनएल वाहन निर्माणी द्वारा पहली बार इंडियन डिफेंस मैनूफैक्चरिंग कॉन्क्लेव का आयोजन सात से नौ नवंबर तक वाहन निर्माणी स्टेडियम जबलपुर में किया गया था. जिसमें वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जहां एवीएनएल, बीईएल, एचएएल, बीडीएल, टीएएसएल, अशोक लेलैंड, एमआईएल, मिधानी, जीआरएसई तथा आईओएल के प्रतिनिधियों ने पीपीटी के माध्यम से अपने उत्पादन सप्लाई चैन प्रोक्योरमेंट पॉलिसी इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई.
डिफेंस कॉन्क्लेव में सभी डीपीएसयू, ओईएम, एमएसएमई तथा स्टार्टअप के बीच बीटूबी बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें कई द्विपक्षीय सौदे तय हुए एवं भविष्य के उत्पादन कार्यों की रूपरेखा तैयार की गई. इसके अलावा देशभर से अलग-अलग डीपीएसयू, एमएसएमई, स्टार्टअप्स एवं टेक्नोलॉजी इनोवेटस शामिल हुए. कॉन्क्लेव में 60 से ज्यादा एक्जीबिटर्स ने अपने उत्पादों एवं रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी की.
समापन समारोह में एवीएनएल वीएफजे की ओर से बी राजेश कन्ना, महाप्रबंधक तथा सीआईआई की ओर से प्रवीण धीमन, उप महाप्रबंधक ने तीन दिवसीय डिफेंस कॉन्क्लेव की सफलता पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इन तीन दिनों में 500 से भी अधिक कंपनियों ने डिफेंस कॉन्क्लेव में शिरकत की, जिनमें से अधिकांश कंपनियों ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक साथ आगे बढ़़ने के लिए अपनी उत्सुकता जाहिर की है.
डिफेंस कॉन्क्लेव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रवीण कुमार ने डिफेंस कॉन्क्लेव के सफल आयोजन के लिए सभी आयोजकों विशेषकर सीआईआई तथा एमपीआईडीसी के योगदान को रेखांकित करते हुए सभी एक्जीबिटर्स, पीएसयू, ओईएम, एमएसएमई तथा टेक्नोलॉजी इनोवेटर्स का आभार व्यक्त किया . साथ ही बताया कि यह डिफेंस कॉन्क्लेव जबलपुर एवं Madhya Pradesh के एमएसएमई एवं स्थानीय वेडर्स के अलावा डिफेंस पीएसयू एवं ओईएम के साझा विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
उन्होंने स्पष्ट किया की दोनों को एक दूसरे की जरूरत है और रक्षा उपकरणों की अच्छी गुणवत्ता को ध्यान में रखकर भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरा करने में उपयोगी भूमिका निभाई जा सकती है. उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि भारत में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अभी असीम संभावनाएं हैं. हमें गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत है.
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
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