उज्जैन, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . अर्थशास्त्र के वर्तमान नोबेल पुरस्कार ने आर्थिक विकास के लिए स्थानीय नवाचारों को एक महत्वपूर्ण मंत्र बताया है और इसलिए अब से प्रौद्योगिकी को एक अंतर्जात कारक के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए. यह बात उदयपुर के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. गणेश कावड़िया ने कही. वे शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के आईक्यूएसी द्वारा आयोजित ग्रासरूट्स टू ग्लोबल नेटवर्क्स: ए ब्लूप्रिंट फॉर सेल्फ-रिलायंट ग्रोथ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत द्वारा अपनाई गई संरक्षणवादी आत्मनिर्भरता की अवधारणा और 90 के दशक की वैश्वीकरण नीति के स्थान पर कोरोना संकट ने स्थानीय से वैश्विक स्तर तक अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत के विचार को जन्म दिया है. वैश्विक उथल-पुथल व्यापार में अंतर्राष्ट्रीय संपर्क के मॉडल को लेकर दुविधा पैदा कर सकती है, लेकिन सतत विकास के लिए स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता नि:संदेह आवश्यक है.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक की द्वितीय विषय विशेषज्ञ प्रो. नीति जैन ने कहा कि आदिवासी और स्थानीय समुदायों के पास उत्पाद, ज्ञान, बुद्धि और कौशल हैं जो मनुष्य, प्रकृति और समाज पर निर्भर करते हैं. डिंडोरी के बैगा समुदाय की हर्बल औषधियां, पाटनागर के गोंड कलाकारों की चित्रकारी, मिथिला क्षेत्र की मखाना की खेती और ऐसे अन्य स्थानीय उत्पादों ने उनकी पहुंच को व्यापक रूप से बढ़ाया है. इस तरह के स्थानीय सशक्तिकरण और वैश्विक एकीकरण से सतत प्रगति हो सकती है.
उज्जैन संभाग के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. एच.एल. अनिजवाल ने कहा कि वोकल फॉर लोकल रोजगार की समस्या का समाधान कर सकता है और देश को वैश्विक स्तर पर विकास के उच्चतम स्तर पर ले जा सकता है.
अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डॉ. प्रशांत पुराणिक ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को सीमा पार के बाजारों तक पहुंचाने और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मानकीकरण जैसे बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मजबूत किया जाना चाहिए. स्वागत भाषण डॉ. जी.डी. अग्रवाल ने दिया और अतिथि परिचय डॉ. दिनेशचंद्र खंडेलवाल ने दिया. वेबिनार संयोजक एवं आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. नीता तपन ने विषयगत परिचय दिया. संचालन डॉ. अर्चना मेहरा ने किया. तकनीकी सहयोग विवेक दुबे ने किया. अध्यक्षता डॉ. रश्मि भार्गव ने की. देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिभागियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए. आभार डॉ. सुनील चौधरी ने माना.
—————
(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
You may also like
रांची: ईडी ने नक्सली नेता दिनेश गोप और 19 अन्य के खिलाफ दर्ज की शिकायत, 20 करोड़ की अवैध कमाई का खुलासा
दरबार मूव दोबारा शुरू होने के बाद जम्मू में मिशन स्टेटहुड की विजय रैली
शास्त्री विपन खजूरिया तीसरी बार हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य नामित
सहारा रिफंड अलर्ट: घर बैठे 10,000 रुपये पाएं, लेकिन ये गलती मत करना वरना पछताओगे!
रूप चौदस और दीपावली पर उदयपुर शहर में बदली रहेगी ट्रैफिक व्यवस्था, जानिए किन मार्गों पर रहेगा वाहनों का प्रवेश निषेध