धमतरी, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । हलषष्ठी पर्व 14 अगस्त को उत्साह के साथ मनाया जाएगा। पर्व को लेकर बाजार में रौनक देखने को मिली। महिलाओं ने पूजन सामग्री की खरीदी। मान्यता है कि इस व्रत को संतान प्राप्ति और उनकी सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस अवसर पर भगवान बलराम की विशेष पूजा करने का विधान है। महिलाएं सगरी बनाकर पूजा करेंगी।
पर्व के दिन सुबह स्नान पश्चात व्रत का संकल्प लेकर गोबर से छठी माता का चित्र, सगरी दो नग, गणेश, कार्तिकेय, शिव, पार्वती, माता गौरी, षष्ठी माता की पूजा विधि-विधान से सगरी माता के समीप बैठकर पूजा की जाएगी। इस व्रत में खेतों का अनाज वर्जित है। प्राकृतिक रूप से उगे अनाज, चावल, भाजी, कंद मूल का महत्व है। पसहर चावल का भात, खीर बनाकर भोग लगाया जाता है। व्रत खोलने के बाद इन्हीं वस्तुओं को ग्रहण करेंगे। गाय का दूध वर्जित है। भैंस का दूध, घी, दही का उपयोग होता है। व्रती महिलाएं सगरी के पास बैठकर सात कथाएं पढ़ेंगी या या सुनेंगी। इसके बाद संतान के कष्टों को दूर करने आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। व्रती महिलाओं के लिए बाजार में पसहर चावल की बिक्री हो रही है जिसकी कीमत 200 रुपये प्रति किलो है। पसहर चावल प्राकृतिक रूप से चुनकर इकट्ठा करते हैं इसलिए इसका दाम बढ़कर रहता है। दो माह पहले इसकी तैयारी करते हैं। खुले स्थानों में उगे अनाज के पौधों में बालियां आती हैं। उसे निकाल लेते हैं। सुखाकर चावल बनाते हैं।
शुभ मुहूर्त 14 अगस्त को रात्रि दो बजे से शुरू हो हो जाएगा: पंडित राजकुमार तिवारी
विप्र विदवत परिषद के मीडिया प्रभारी पं. राजकुमार तिवारी ने बताया कि, हलषष्ठी का शुभमुहूर्त 14 अगस्त को रात्रि दो बजे से शुरू हो जाएगा जो अगले दिन 15 अगस्त तक रहेगा। राहु काल दोपहर 2.04 से 3.43 तक रहेगा। इस समय पर पूजा न करें। हलषष्ठी के बाद 16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनेगा। इस दिन अष्टमी तिथि पर रात्रि 12 बजे रोहणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनेगा। भक्त विधि-विधान से पूजा अर्चना कर रात्रि में व्रत खोलेंगे। कृष्ण भक्त सुबह से ही उपवास रखते हैं। यह पर्व भगवान की बाल लीलाओं को स्मरण करके मनाया जाता है। पंडितों के अनुसार जन्माष्टमी का पूजन मुहूर्त 16 अगस्त बजे रात्रि 12.04 से रात्रि 12.47 बजे तक रहेगा।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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