कोलकाता, 06 सितम्बर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के जेल और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने शनिवार को शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में कोलकाता की विशेष प्रवर्तन निदेशालय अदालत में आत्मसमर्पण किया। अदालत ने ईडी की हिरासत की मांग को ठुकराते हुए मंत्री को सशर्त जमानत दे दी।
बीरभूम के बोलपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक व मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में आरोपपत्र दाखिल किया था। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस आरोपपत्र को मंजूरी दी थी और उसके बाद विशेष पीएमएलए अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया।
ईडी ने अदालत से मंत्री को सात दिन की हिरासत में लेने की मांग की थी ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। हालांकि अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी और 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। अदालत ने उन्हें कोलकाता और अपने विधानसभा क्षेत्र बोलपुर तक ही सीमित रहने और जांच में पूरी तरह सहयोग करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 सितम्बर को होगी।
इससे पहले ईडी ने सिन्हा के बोलपुर स्थित आवास पर छापेमारी कर 41 लाख नकद बरामद किए थे। मंत्री दो बार ईडी के समन की अनदेखी कर चुके थे, लेकिन अगस्त में अचानक ईडी कार्यालय पहुंचकर उन्होंने जांचकर्ताओं को चौंका दिया था। यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उस समय उनसे पूछताछ हुई थी या नहीं, क्योंकि तब तक आरोपपत्र दाखिल हो चुका था।
चंद्रनाथ सिन्हा ममता बनर्जी सरकार में दूसरे मंत्री हैं जिन पर शिक्षक भर्ती घोटाले में कार्रवाई हुई है। इससे पहले पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला निलंबित तृणमूल नेता कुंतल घोष की डायरी से मिले सुरागों पर आधारित है, जिसे भर्ती घोटाले का कथित ताैर पर दलाल बताया जाता है। जांच एजेंसियां सिन्हा के तृणमूल के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल से कथित नजदीकी की भी पड़ताल कर रही हैं।——————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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