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बाल विवाह का दावा साबित न होने पर तलाक का प्रार्थना पत्र खारिज

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जोधपुर, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने अहमदाबाद निवासी प्रकाश सुथार द्वारा दायर तलाक प्रार्थना पत्र को खारिज करने का आदेश दिया. प्रकाश ने पत्नी बाड़मेर हाल जोधपुर निवासी रामेश्वरी सुथार से विवाह को बाल विवाह बताते हुए उसे शून्य घोषित करने की मांग की थी.

रामेश्वरी सुथार की ओर से न्याय मित्र अधिवक्ता भारत भूषण शर्मा ने अदालत को बताया कि दोनों का विवाह 9 अप्रैल 2015 को हुआ था, उस समय रामेश्वरी बालिग (18 वर्ष) और प्रकाश की आयु 27 वर्ष थी. विवाह का विधिवत प्रमाण पत्र, फोटोग्राफ्स और कार्ड भी अदालत में प्रस्तुत किए गए. न्यायालय ने माना कि विवाह बाल्यावस्था में नहीं हुआ तथा दोनों पक्ष काफी समय तक पति-पत्नी के रूप में साथ रहे और रामेश्वरी गर्भवती भी हुई. अदालत ने यह भी कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह को शून्य घोषित करने के लिए याचिका बालिग होने के दो वर्ष के भीतर दायर की जानी चाहिए, जबकि प्रकाश ने विलंब से याचिका दी. न्यायालय ने माना कि प्रकाश द्वारा प्रस्तुत वाद झूठा था और उसने दूसरी शादी की इच्छा से यह प्रार्थना पत्र दायर किया. इस प्रकार, न्यायालय ने तलाक का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया.

(Udaipur Kiran) / सतीश

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