–कोर्ट ने फूलपुर के लेखपाल को किया तलब प्रयागराज, 20 मई . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तहसीलदार फूलपुर द्वारा 18 साल पहले पारित 29 फरवरी 2008 के बेदखली आदेश का अनुपालन कराने की मांग में दाखिल जनहित याचिका वापस लेने की धमकी देने वाले लेखपाल अखिलेश यादव को 28 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है.
लेखपाल ने याची के पिता सुरेन्द्र नाथ यादव को फोन पर धमकी दी कि याचिका वापस ले लें अन्यथा उनका ट्यूबवेल तोड़ दिया जायेगा. धमकी की रिपोर्ट फूलपुर थाना द्वारा नहीं लिखी गई तो हाईकोर्ट में पूरक हलफनामा दाखिल कर न्यायालय से याची ने गुहार लगाई. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए लेखपाल व एस एच ओ को याचिका में पक्षकार बनाया और लेखपाल को कारण बताओ नोटिस दी कि क्यों न उसके खिलाफ खंडपीठ द्वारा आपराधिक अवमानना कार्यवाही की जाय.
कोर्ट ने जिलाधिकारी से भी हलफनामा मांगा है कि लेखपाल ने याची के पिता को मोबाइल फोन पर धमकी क्यों दी. साथ ही एस एच ओ फूलपुर से व्यक्तिगत हलफनामे में लेखपाल व याची के पिता के फोन काल की उस दिन की डिटेल पेश करने का निर्देश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 28 मई को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की एकलपीठ ने राजेश कुमार यादव की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. जिसमें 2008 मे पारित बेदखली आदेश पर अमल कराने की मांग की गई है. याची का कहना है कि बेदखली आदेश पर रोक नहीं है और न ही उसे रद्द किया गया है. इस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी से सफाई मांगी थी.तो लेखपाल भड़क गया और याचिका वापस न लेने पर ट्यूबवेल ध्वस्त करने की धमकी दे डाली. याची ने घटना ट्वीट की तो उसे पुलिस से शिकायत करने की सलाह दी गई. 17 मई 25 को याची ने मोबाइल फोन सहित थाने में लेखपाल के खिलाफ शिकायत की. किंतु रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई.
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/ रामानंद पांडे
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