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Independence Day 2025: महेंद्र सिंह धोनी का पहला प्यार है आर्मी, जब भी मिलता है मौका निकल पड़ते है बॉर्डर पर

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  महेंद्र सिंह धोनी का भारतीय सेना के प्रति प्रेम जगजाहिर है. साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाले दूसरे कप्तान बने. जिसके बाद महेंद्र सिंह धोनी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर शामिल हुए। लेफ्टिनेंट कर्नल बनने के बाद, पूर्व भारतीय कप्तान ने आगरा में लड़ाकू विमानों से पांच बार पैराशूट करने का प्रशिक्षण लिया और पैराट्रूपर बन गए। 2019 विश्व कप में सेमीफाइनल मैच हारकर भारतीय टीम के बाहर होने के बाद धोनी ने क्रिकेट से ब्रेक ले लिया और दो हफ्ते तक जम्मू-कश्मीर में सेना के साथ रहे। आज हम आपको उनके 40वें जन्मदिन पर कुछ ऐसे 4 वाक्य बताने जा रहे हैं। जहां धोनी का सेना से जुड़ाव किसी से छिपा नहीं है.

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1. पद्म भूषण लेते समय पहनी सेना की वर्दी: साल 2018 में जब महेंद्र सिंह धोनी को देश के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उस वक्त सेना की वर्दी पहने हुए महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि वह बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहते थे और उनका सपना पूरा हो गया है.

2. पूरी भारतीय टीम ने दी श्रद्धांजलि: साल 2019 में जब पुलवामा हमला हुआ था. इसके बाद 8 मार्च को भारत का मैच ऑस्ट्रेलिया से रांची में था. उस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के सभी खिलाड़ी कैमोफ्लाज कैप पहनकर खेलते नजर आए और पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

3. विश्व कप में पहने बलिदान बैज वाले दस्ताने: साल 2019 में हुए विश्व कप का पहला मैच भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका था। उस मैच में उन्होंने जो विकेटकीपिंग ग्लव्स पहने थे. इसमें एक बलिदान बैज बना हुआ था. आपको बता दें कि बलिदान बैज केवल पैराट्रूपर्स को दिया जाता है, लेकिन उस मैच के बाद काफी विवाद हुआ था, जिसके कारण धोनी ने उन दस्ताने को दोबारा कभी नहीं पहना, लेकिन पूरे देश ने उनकी बात मानी।

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4. अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं धोनी: संसद भवन
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम के बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाया गया। तब महेंद्र सिंह धोनी ने ट्विटर के जरिए अपनी राय जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि देश के जवानों का सम्मान करना चाहिए. हम आज इस पर चर्चा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि सैनिक वर्दी में खड़े हैं.

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