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बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ीं, महाराष्ट्र और यूपी में पीएम मोदी पर आपत्तिजनक पोस्ट के आरोप में FIR दर्ज

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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए राजनीतिक चुनौती बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई है। यह मामला तेजस्वी यादव की चुनावी रणनीति और विपक्षी गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।

FIR कहां दर्ज हुई?

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में बीजेपी के एक विधायक ने तेजस्वी यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बीजेपी महानगर अध्यक्ष की शिकायत पर तेजस्वी यादव के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दोनों ही जगहों पर शिकायतकर्ता ने तेजस्वी पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा और अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।

आरोप और शिकायत की क्या है वजह?

बीजेपी नेताओं का आरोप है कि तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किए हैं, जो जनता की भावनाओं को आहत करते हैं। बीजेपी का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां देश की राजनीतिक स्थिरता के लिए हानिकारक हैं और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया

तेजस्वी यादव ने FIR दर्ज होने के बाद इसका खंडन करते हुए कहा है कि उन्हें FIR से कोई डर नहीं है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है और कहा कि वे लोकतंत्र में अपनी बात खुलकर रखते रहेंगे। तेजस्वी के इस बयान से साफ है कि वे इन आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हैं और इसे चुनावी प्रचार का हिस्सा बनाएंगे।

राजनीतिक माहौल और प्रभाव

बिहार चुनाव से पहले यह मामला राजनीतिक तापमान बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। विपक्ष के प्रमुख चेहरे तेजस्वी यादव की छवि को धूमिल करने के प्रयास के तौर पर बीजेपी इस मामले को लेकर सख्ती दिखा रही है। वहीं, तेजस्वी यादव इसे विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश मान रहे हैं।

चुनाव के नजदीक आते ही बढ़ती राजनीतिक लड़ाई

जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हो रही हैं। चुनावी मैदान में तेजस्वी यादव की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है, इसलिए विपक्षी और सत्ता पक्ष दोनों अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इस एफआईआर मामले से चुनावी मुकाबला और भी कड़ा होने की संभावना है।

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