केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर मुसलमानों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों को ‘नमक हराम’ बताया और कहा कि अगर इस पर फतवे जारी हुए तो मंदिर से भी हुंकार उठेगी। उनके इस बयान ने बिहार की सियासत में नई बहस और गर्माहट पैदा कर दी है।
इस बयान पर जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री को धर्म निभाने और संयम रखने की नसीहत दी। गुलाम गौस ने कहा कि इस तरह के विवादित बयान समाज में तनाव और असहमति को बढ़ावा देते हैं और किसी भी नागरिक विशेष को निशाना बनाना सही नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गिरिराज सिंह का यह बयान बीजेपी और गठबंधन दलों के बीच राजनीतिक रेखा को प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार के बयान चुनावी माहौल को और गर्म कर सकते हैं और समाज में धार्मिक आधार पर विभाजन की स्थिति पैदा कर सकते हैं।
बीजेपी नेताओं ने इस मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के बयान को व्यक्तिगत राय के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने इसे लेकर तेज प्रतिक्रिया दी है।
स्थानीय नेताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस बयान की आलोचना की। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “धर्म और समुदाय को लेकर इस तरह के बयान समाज में भ्रांति और तनाव पैदा करते हैं। नेताओं को अपने शब्दों पर संयम रखना चाहिए।”
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि जेडीयू के गुलाम गौस द्वारा दिया गया पलटवार राजनीतिक संतुलन बनाए रखने और गठबंधन सहयोगियों को सशक्त दिखाने की कोशिश है। उनका कहना है कि बिहार की सियासत में धार्मिक सौहार्द बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस तरह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के विवादित बयान और जेडीयू नेता के पलटवार ने बिहार की राजनीति में नई बहस और चर्चा का विषय बना दिया है। आने वाले दिनों में इस बयान का राजनीतिक और सामाजिक असर राज्य के चुनावी और सामाजिक माहौल पर देखा जाएगा।
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