प्रयागराज के चंद्रशेखर आज़ाद सेतु (फाफामऊ पुल) पर बुधवार सुबह पुल की मरम्मत के चलते भयंकर जाम लग गया। यह जाम इतना गंभीर था कि पूरे क्षेत्र में यातायात की स्थिति महाकुंभ जैसी हो गई। पुल की मरम्मत के कारण जाम के हालात इतने विकट हो गए कि वाहन रेंगते हुए चलने लगे और राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
यह पुल, जो प्रयागराज और लखनऊ-प्रतापगढ़ को जोड़ता है, क्षेत्रीय यातायात के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। जाम के कारण न केवल प्रयागराज से लखनऊ और प्रतापगढ़ जाने वाले यात्री, बल्कि स्थानीय लोग भी घंटों तक फंसे रहे।
मरम्मत के लिए पहले ही जारी की गई थी एडवाइजरी
फाफामऊ पुल पर मरम्मत कार्य के लिए पहले ही प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में यह स्पष्ट किया गया था कि इस पुल पर मरम्मत के दौरान केवल दो पहिया वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी, जबकि भारी वाहनों और कारों के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई थी। इसके बावजूद, बुधवार सुबह भारी वाहनों के पुल पर पहुँचने से जाम की स्थिति और गंभीर हो गई।
भयंकर जाम की वजह से यातायात ठप
जैसे ही लोग इस एडवाइजरी को नजरअंदाज कर पुल पर पहुंचे, स्थिति और बिगड़ गई। इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन रेंगते हुए चल रहे थे, और कई घंटे तक यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। कई लोग जो समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए यात्रा कर रहे थे, वे जाम में फंसे रहे और उनकी यात्रा में घंटे की देरी हो गई। खासकर कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और छात्रों को अधिक परेशानी उठानी पड़ी।
प्रशासन ने उठाए कदम
अधिकारियों ने जाम की स्थिति को देखकर तत्काल कुछ कदम उठाए। पुलिस ने जाम से निपटने के लिए यातायात को डायवर्ट किया और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी। इसके अलावा, मरम्मत कार्य को और तेज़ी से पूरा करने के निर्देश दिए गए ताकि जल्द से जल्द यातायात सामान्य हो सके। प्रशासन ने यह भी वादा किया कि अगले कुछ दिनों तक लोगों को पुल के बंद होने से संबंधित नियमित जानकारी दी जाएगी ताकि जाम जैसी स्थिति से बचा जा सके।
निष्कर्ष
फाफामऊ पुल पर हो रही मरम्मत के कारण उत्पन्न हुई जाम की स्थिति ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि शहरों में यातायात व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में इस तरह के मरम्मत कार्यों की योजना पहले से बेहतर तरीके से बनाई जाए और पर्याप्त यातायात प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए ताकि नागरिकों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।
इसके अलावा, भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्गों पर जाने की सख्त निगरानी और मार्गदर्शन की आवश्यकता है ताकि ऐसी स्थिति फिर से न बने।
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