लेह-लद्दाख में हालिया हिंसा के बाद सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर सोनम वांगचुक को शुक्रवार रात करीब 9 बजे जोधपुर की सेंट्रल जेल में लाया गया। यह कदम तब उठाया गया जब वांगचुक पर आरोप लगे कि उन्होंने हिंसा भड़काने में कथित रूप से भूमिका निभाई है। उन्हें सख्त सुरक्षा व्यवस्था के तहत जेल में रखा गया है, जहां उनकी गतिविधियों पर पूरी तरह से निगरानी रखी जा रही है।
जोधपुर सेंट्रल जेल में सोनम वांगचुक को जिस बैरक में रखा गया है, वहां सीसीटीवी कैमरों के जरिए उनकी लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे उनकी सुरक्षा और अन्य गतिविधियों पर पूरी तवज्जो दी जा सके। जेल प्रशासन द्वारा उन्हें विशेष सुरक्षा दी जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। जेल लाए जाने के बाद उनका मेडिकल परीक्षण भी किया गया, ताकि उनकी शारीरिक स्थिति की जांच हो सके और कोई स्वास्थ्य संबंधित समस्या न हो।
सोनम वांगचुक, जो कि एक सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक के तौर पर प्रसिद्ध हैं, अक्सर अपने आंदोलनों और विचारों के लिए चर्चा में रहते हैं। लेह-लद्दाख क्षेत्र में हुई हिंसा के दौरान उनके नाम की चर्चा ने मीडिया का ध्यान आकर्षित किया। हालांकि, वांगचुक के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और उनका उद्देश्य हमेशा से ही समाज और शिक्षा के सुधार के लिए काम करना रहा है।
जेल प्रशासन और पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, वांगचुक को कड़ी सुरक्षा के साथ रखने का निर्णय उनकी प्रतिष्ठा और उनके समर्थकों के ध्यान में रखते हुए लिया गया है। साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि उनके खिलाफ दर्ज मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें इसी तरह की कड़ी निगरानी में रखा जाएगा।
इस मामले पर कई संगठनों और राजनेताओं ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने वांगचुक को जेल में डालने की आलोचना की है, जबकि कुछ ने कहा कि कानून का पालन करना आवश्यक है। वांगचुक के समर्थकों का कहना है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए और उनके खिलाफ किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं होना चाहिए।
लेह-लद्दाख क्षेत्र में हुई हिंसा और उसके बाद सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब आने वाले समय में अदालतों और सरकारी जांच के दौरान मिलेगा। फिलहाल, जोधपुर सेंट्रल जेल में उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जेल प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
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