महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से यह सवाल उठ रहा है कि क्या उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आ सकते हैं। शनिवार को दोनों नेताओं ने अलग-अलग मंचों पर ऐसे बयान दिए, जिससे यह संकेत मिलता है कि ठाकरे परिवार की दो प्रमुख राजनीतिक धाराएं एकजुट हो सकती हैं।
राज ठाकरे का पॉडकास्ट में बयान
राज ठाकरे ने शनिवार को एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान कहा कि महाराष्ट्र के हित उनके लिए सर्वोपरि हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उद्धव ठाकरे के साथ मिलकर काम करेंगे, तो उन्होंने कहा, "अगर राज्य का भला हो, तो मैं छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर उद्धव के साथ काम करने को तैयार हूं। अब यह देखना है कि क्या वह भी तैयार हैं।"
उद्धव ठाकरे का उत्तर
राज ठाकरे के बयान के कुछ समय बाद, उद्धव ठाकरे ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह भी मराठी और महाराष्ट्र के लिए एकजुट होने को तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने एक शर्त रखी कि राज को यह वादा करना होगा कि वे महाराष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ नहीं जाएंगे।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शपथ
उद्धव ने यह भी कहा कि राज ठाकरे को छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शपथ लेनी होगी कि वे किसी ऐसे दल या नेता का समर्थन नहीं करेंगे, जो महाराष्ट्र के खिलाफ हो।
पारिवारिक आयोजनों में मुलाकात
हाल के दिनों में, उद्धव और राज ठाकरे कई पारिवारिक आयोजनों में एक-दूसरे के सामने आए हैं, जहां उनकी हल्की बातचीत भी हुई। इसी कारण से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या ठाकरे बंधु फिर से एकजुट हो सकते हैं।
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