लखनऊ। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्दी ही राज्य के मदरसों की मान्यता के लिए नए नियम लागू करने वाली है। साथ ही यूपी के मदरसों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव भी किया जाएगा। न्यूज चैनल आजतक ने ये खबर दी है। चैनल के मुताबिक यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मदरसों में 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव का फैसला किया है। नया पाठ्यक्रम के लागू होने पर यूपी के मदरसों में छात्रों को धार्मिक शिक्षा के साथ ही हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान भी पढ़ाना जरूरी होगा। अब तक ये विषय मदरसों में पढ़ाना जरूरी नहीं है।
यूपी में करीब 16000 मदरसा हैं। इन मदरसों में 13.57 लाख छात्र हैं। यूपी के कुल मदरसों में 560 को सरकार अनुदान देती है। इन अनुदानित मदरसों में 9500 टीचर हैं। यूपी सरकार ने साल 2024 में प्रदेश के सभी मदरसों का सर्वे कराया था। इस सर्वे में पता चला था कि यूपी में 8449 मदरसे बिना सरकारी मान्यता के ही चल रहे हैं। इसके अलावा मान्यता वाले मदरसों की संख्या 16513 थी। योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए बिना मान्यता वाले सभी मदरसों को बंद करा दिया। अब बाकी मदरसे में बच्चों को आधुनिक शिक्षा से रू-ब-रू कराने का फैसला भी लिया जा रहा है।
जैसे स्कूलों और यूनिवर्सिटीज में प्राइमरी, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बाद ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई होती है। उस तरह मदरसों में तहतानिया, फौकानिया और आलिया स्तर के अलावा मुंशी, मौलवी, आलिमस कामिल और फाजिल स्तर की पढ़ाई कराई जाती है। तहतानिया सबसे छोटी क्लास और फाजिल मदरसों की सबसे बड़ी डिग्री होती है। यूपी में सभी मदरसों को मदरसा बोर्ड से मान्यता लेना जरूरी है। मदरसों में कुरान, हदीस वगैरा की शिक्षा के साथ ही अरबी भाषा बोलना, लिखना और पढ़ना भी सिखाया जाता है। क्योंकि मुस्लिम धर्मग्रंथ अरबी भाषा में ही होते हैं।
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