News India Live, Digital Desk: Navratri Kalash Visarjan : शारदीय नवरात्रि (Navratri) का पवित्र त्योहार नौ दिनों तक चलने वाला भक्ति और शक्ति का पर्व है, जिसका समापन कलश विसर्जन के साथ होता है. ये नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा और आराधना के लिए समर्पित होते हैं, और आखिर में भक्त पूरे विधि-विधान से कलश विसर्जन करके मां को विदाई देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कलश विसर्जन के बाद कलश में बचे जल और नारियल का क्या करना चाहिए? बहुत से लोगों को इस बारे में सही जानकारी नहीं होती है. आइए, हम आपको बताते हैं कलश विसर्जन (Kalash Visarjan Niyam) के नियमों और इससे जुड़ी ज़रूरी बातों के बारे में:कलश विसर्जन का महत्व:नवरात्रि के दौरान स्थापित किया जाने वाला कलश पूरे नौ दिनों तक घर में सुख-समृद्धि और मां दुर्गा की कृपा बनाए रखने का प्रतीक होता है. यह देवी-देवताओं का आवाहन होता है. विसर्जन के समय, इस कलश को विधि-पूर्वक शांत किया जाता है और मां को भावुक हृदय से विदाई दी जाती है, ताकि वह अपने धाम वापस लौट सकें.कलश विसर्जन के बाद जल और नारियल का क्या करें?1. कलश का जल:कलश में भरे जल को सामान्य जल न समझें. पूरे नौ दिनों तक यह जल मां दुर्गा के मंत्रों और पवित्रता से अभिसिंचित होता है, इसलिए यह बहुत पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है.पूरे घर में छिड़कें: कलश के जल को पूरे घर में, खासकर हर कोने और दरवाज़े पर छिड़कें. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता फैलती है. यह जल बुरी शक्तियों और वास्तु दोषों को भी दूर करता है.घर के सदस्यों को दें: इस पवित्र जल को घर के सभी सदस्य, विशेषकर बच्चों और बड़ों को पीने के लिए थोड़ा-थोड़ा दें. यह आरोग्य प्रदान करता है और रोग-दोषों से मुक्ति दिलाता है. इसे 'तीर्थ' के समान ग्रहण किया जाता है.पौधों में डालें: बाकी बचे जल को आप अपने घर के गमलों या बगीचे के पौधों में डाल सकते हैं. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का तरीका है और माना जाता है कि इससे पौधों को भी दिव्य ऊर्जा मिलती है. ध्यान रहे, इसे नालियों में या किसी अशुद्ध जगह पर न डालें.2. कलश पर रखा नारियल:कलश के ऊपर रखा नारियल भी बहुत शुभ माना जाता है. यह मां दुर्गा को अर्पित किया जाता है और इसे पवित्र फल के रूप में देखा जाता है.परिवार के सदस्यों में बांटकर खाएं: कलश पर रखे नारियल को तोड़ने के बाद, उसके प्रसाद को घर के सभी सदस्यों और आस-पड़ोस के लोगों में बांट दें. इसे 'देवी का प्रसाद' मानकर ग्रहण करें. यह परिवार में खुशहाली, एकजुटता और सौभाग्य लाता है. मान्यता है कि इससे घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है.फेंकें नहीं: कभी भी इस नारियल को यूं ही फेंकें नहीं, क्योंकि यह एक पवित्र प्रसाद है. अगर यह खराब हो जाए तो उसे किसी बहती नदी या साफ पानी में प्रवाहित कर सकते हैं, लेकिन कचरे में न डालें.3. कलश के नीचे रखा सिक्का और अक्षत:कलश के नीचे रखे सिक्के को तिजोरी या अपनी पूजा स्थान पर रखें. अक्षत (साबुत चावल) को भी प्रसाद के रूप में पूजा स्थल पर रख दें या किसी पौधे में मिला दें.नवरात्रि का यह पावन पर्व जीवन में सुख-समृद्धि लाता है. इन नियमों का पालन कर आप अपनी भक्ति को और भी दृढ़ बना सकते हैं और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
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