जब हम बिहार की राजनीति की बात करते हैं,तो हमारे दिमाग में लालू-नीतीश की तस्वीर घूमती है। लेकिन बिहार में कुछ सीटें ऐसी भी हैं,जहाँ पार्टियों से ज़्यादा किसी एक'नाम'का दबदबा होता है। वैशाली जिले कीमहनार विधानसभा सीटभी एक ऐसी ही सीट है,जो सालों से एक ही परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है।यहाँ की राजनीति का दूसरा नाम हैरामा किशोर सिंह उर्फ़ रामा सिंहऔर उनका परिवार।कौन हैं रामा सिंह और क्यों है उनका दबदबा?रामा सिंह एक ऐसा नाम हैं,जिन्हें महनार के लोग'दबंग'नेता के रूप में जानते हैं। उनका दबदबा सिर्फ महनार तक ही सीमित नहीं रहा,वे वैशाली से सांसद भी रह चुके हैं। कहते हैं कि महनार में उनकी मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता।जातीय समीकरण के'मास्टर':इस इलाके में भूमिहार और राजपूत वोटरों की अच्छी-खासी संख्या है और रामा सिंह अपने राजपूत समुदाय में अच्छी पकड़ रखते हैं।बाहुबली वाली छवि:उनकी छवि एक ऐसे नेता की है,जो किसी भी तरह से अपने लोगों का काम करा सकता है।कहानी'किला'बनाने की...यह किला उन्होंने खुद से ही नहीं बनाया। पहले उनकी पत्नीवीणा सिंहयहाँ से दो बार विधायक रहीं। और जब2020में यह सीटRJDके खाते में चली गई,तब भीRJDने उनकी पत्नी की चचेरी बहनबीना सिंहको टिकट दिया,जो यहाँ से चुनाव जीत गईं। यानी,चाहे पार्टी कोई भी हो,दबदबा इसी परिवार का रहा।इस बार क्या है नया?इस बार कहानी में एक नया मोड़ आ गया है। इस बारRJDकी तरफ से बाहुबली नेतामुन्ना शुक्लाके परिवार की नज़र भी इसी सीट पर है। मुन्ना शुक्ला भी भूमिहार समुदाय में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं,और उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला राजनीति में काफी सक्रिय हैं।अब सवाल यह उठताहैं किRJDकिसका साथ देगी?क्या वह अपने मौजूदा विधायक पर भरोसा करेगी,जो रामा सिंह के परिवार से हैं?या फिर वह मुन्ना शुक्ला के परिवार को टिकट देकर एक नया समीकरण बनाएगी?दूसरी तरफNDAमें भीBJPऔरJDUदोनों ही इस सीट पर अपना-अपना दावा ठोक रही हैं।लड़ाई दिलचस्प क्यों है?यह चुनाव अब सिर्फ़ पार्टियों की लड़ाई नहीं रहा,बल्कि यह दो बड़े बाहुबली नेताओं के'साख'और'वर्चस्व'की लड़ाई बन गया है। अब देखना यह है कि महनार की जनता इस बार भी पुराने'नाम'पर भरोसा करेगी या कोई नया'चेहरा'इस किले को भेद पाएगा।
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