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RBI Plan: क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर चुकाने वालों को मिलेगा गिफ्ट! रिजर्व बैंक के प्रस्ताव से लोन लेने में होगी आसानी

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अलग-अलग तरह के लोन पर रिस्क वेटेज कम करने और उन्हें उधार लेने वाले के जोखिम प्रोफाइल से जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। ड्राफ्ट नियमों के तहत, रेगुलेटर ने क्रेडिट कार्ड, होम लोन, कॉरपोरेट लोन, रियल एस्टेट से जुड़े लोन और MSME (छोटे और मध्यम उद्योग) लोन के लिए पूंजी की जरूरतें बताई हैं। मुख्य बदलावों में से एक यह है कि क्रेडिट कार्ड उन लोगों के लिए आसान हो जाएगा जो समय पर अपने बिल चुकाते हैं। इसके अलावा बड़े होम लोन के लिए नियम थोड़े सख्त होंगे। रिजर्व का मकसद लोगों में कर्ज चुकाने का अच्छा बर्ताव बढ़ाना और बैंकों के लिए ज्यादा पैसा उधार देने के लिए उपलब्ध कराना है।



किस तरह मिलेगा फायदा?जिन क्रेडिट कार्ड यूजर्स ने पिछले 12 महीनों में अपने सारे बिल पूरे चुकाए हैं उन्हें रेगुलेटरी रिटेल पोर्टफोलियो में रखा जाएगा। इससे उन पर लगने वाला 'रिस्क वेटेज' 125% से घटकर 75% हो जाएगा। इससे बैंकों को कम पूंजी रखनी होगी और वे बेहतर ग्राहक बनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। अन्य क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए 'रिस्क वेटेज' 125% ही रहेगा। बदले हुए नियम उन 22 घोषणाओं में से हैं जो RBI ने अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी के दौरान की थीं। इन्हें अप्रैल 2027 से ये लागू किया जाना है।



होम लोन के नियमों में क्या बदलाव?होम लोन पर रेगुलेटर ने रिस्क वेटेज को लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात और बकाया होम लोन की संख्या के साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। दो हाउसिंग लोन तक के लिए रिस्क वेटेज 20% से (अगर LTV 50% है) 40% तक (अगर LTV 80% से ज्यादा है) होगा। तीसरे हाउसिंग लोन पर ज्यादा रिस्क वेटेज लगेगा, जो 60% तक हो सकता है। साथ ही 3 करोड़ रुपये से ऊपर के लोन पर 5% का अतिरिक्त चार्ज भी लगेगा। अभी हाउसिंग लोन पर एक जैसा 35-50% रिस्क वेटेज लगता है।



पर्सनल लोन पर सख्तीएजुकेशन, हाउसिंग और व्हीकल लोन को छोड़कर पर्सनल लोन के लिए कुल रिस्क वेटेज 125% ही रहेगा। ये कदम लागू होने के बाद बैंकों की लोन देने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही, रेगुलेटरी रिस्क वेट्स को वास्तविक डिफॉल्ट व्यवहार और एसेट परफॉरमेंस के ज्यादा करीब लाया जाएगा।

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