भोपाल: भोपाल के प्रसिद्ध वकील यावर खान को पुलिस ने दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार किया है। भोपाल के अशोका गार्डन थाने के टीआई अनुराग लाल के अनुसार आरोपी यावर को मेडिकल के लिए भेजने के बाद जेल भेजा गया है। आगे ऐशबाग पुलिस उसे हिरासत में लेगी और पूछताछ करेगी।
दरअसल, 24 अगस्त को पॉक्सो कोर्ट में दुष्कर्म और देह व्यापार के मामले में गवाही चल रही थी। इसी दौरान एक पीड़िता ने दुष्कर्म के आरोपियों के साथ भोपाल कोर्ट के अधिवक्ता यावर खान का नाम लिया। जिसके आधार पर 11 सितंबर को कोर्ट ने केस में उचित कार्रवाई को लेकर अशोका गार्डन पुलिस को पत्र लिखा था। पुलिस ने वकील यावर खान को हिरासत में लिया था।
वकील का नाम लेते ही नाबालिग ने बता दी सच्चाई
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि आरोपियों के वकील यावर खान ने भी ऑफिस और बिट्टन मार्केट स्थित मकान में बुलाकर उसके साथ कई बार ज्यादती की। पीड़िता ने बताया था कि वह यह बात कोर्ट में पहली बार इसलिए बता रही है क्योंकि इससे पहले उसे वकील का नाम याद नहीं था। कोर्ट में बयान के दौरान किसी अन्य वकील ने जब आरोपी के वकील का नाम लिया, तब उसे यावर खान का नाम याद आया।
इसके पहले भी लग चुका है आरोप
यावर खान भोपाल के कुख्यात अपराधी और नशे की तस्करी करने वाले रईस रेडियो, उसके बेटे यासीन उर्फ मजिस्ट्रेट और मुन्ना उर्फ मजिस्ट्रेट के केसों में पैरवी करता रहा है। यावर खान पर पूर्व में भी एक नाबालिग पीड़िता ने रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी। यह केस फिलहाल भोपाल कोर्ट में लंबित है।
यावर के पक्ष ने पुलिस पर लगाया आरोप
23 जून 2015 के एक मामले में पुलिस हिरासत में एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की मौत के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी, उपनिरीक्षक, दो सहायक उप निरीक्षक जेलर, डॉक्टर सहित सभी को दोषी पाते हुए आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे। तत्कालीन टीआई मनीष राज भदौरिया, उप निरीक्षक डीएल यादव, एहसान, मुरली, चिरोंजीलाल, तत्कालीन हमीदिया अस्पताल के मनोरोग डॉक्टर आरएन साहू, आलोक बाजपेई के खिलाफ कोर्ट ने हत्या साक्ष्य मिटाने का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में यावर खान ने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ मामला पेश किया था। अब यावर के पक्ष का कहना है कि पुलिस वालों पर बड़ी कार्रवाई करवाई थी, इसलिए उन पर रेप का झूठा आरोप लगाया गया है।
दरअसल, 24 अगस्त को पॉक्सो कोर्ट में दुष्कर्म और देह व्यापार के मामले में गवाही चल रही थी। इसी दौरान एक पीड़िता ने दुष्कर्म के आरोपियों के साथ भोपाल कोर्ट के अधिवक्ता यावर खान का नाम लिया। जिसके आधार पर 11 सितंबर को कोर्ट ने केस में उचित कार्रवाई को लेकर अशोका गार्डन पुलिस को पत्र लिखा था। पुलिस ने वकील यावर खान को हिरासत में लिया था।
वकील का नाम लेते ही नाबालिग ने बता दी सच्चाई
पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि आरोपियों के वकील यावर खान ने भी ऑफिस और बिट्टन मार्केट स्थित मकान में बुलाकर उसके साथ कई बार ज्यादती की। पीड़िता ने बताया था कि वह यह बात कोर्ट में पहली बार इसलिए बता रही है क्योंकि इससे पहले उसे वकील का नाम याद नहीं था। कोर्ट में बयान के दौरान किसी अन्य वकील ने जब आरोपी के वकील का नाम लिया, तब उसे यावर खान का नाम याद आया।
इसके पहले भी लग चुका है आरोप
यावर खान भोपाल के कुख्यात अपराधी और नशे की तस्करी करने वाले रईस रेडियो, उसके बेटे यासीन उर्फ मजिस्ट्रेट और मुन्ना उर्फ मजिस्ट्रेट के केसों में पैरवी करता रहा है। यावर खान पर पूर्व में भी एक नाबालिग पीड़िता ने रेप की एफआईआर दर्ज कराई थी। यह केस फिलहाल भोपाल कोर्ट में लंबित है।
यावर के पक्ष ने पुलिस पर लगाया आरोप
23 जून 2015 के एक मामले में पुलिस हिरासत में एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की मौत के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी, उपनिरीक्षक, दो सहायक उप निरीक्षक जेलर, डॉक्टर सहित सभी को दोषी पाते हुए आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे। तत्कालीन टीआई मनीष राज भदौरिया, उप निरीक्षक डीएल यादव, एहसान, मुरली, चिरोंजीलाल, तत्कालीन हमीदिया अस्पताल के मनोरोग डॉक्टर आरएन साहू, आलोक बाजपेई के खिलाफ कोर्ट ने हत्या साक्ष्य मिटाने का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में यावर खान ने न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ मामला पेश किया था। अब यावर के पक्ष का कहना है कि पुलिस वालों पर बड़ी कार्रवाई करवाई थी, इसलिए उन पर रेप का झूठा आरोप लगाया गया है।
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