मुंबई: अगर आप सोशल मीडिया पर किसी होटल, रेस्टोरेंट, मूवी या फिर किसी बुक और मैगजीन का विज्ञापन देखकर उसको रेटिंग करने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है। साइबर दुनिया में इस प्रकार की ठगी को टास्क फ्रॉड कहा जाता है। दरअसल, ओशिवारा पुलिस ने टेलीग्राम पर टास्क फ्रॉड के जरिए फर्जी नौकरी का प्रस्ताव देकर ठगी करने वाले एक आरोपी को गोवा से अरेस्ट किया है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। ओशिवारा पुलिस के अनुसार, जोगेश्वरी निवासी एक व्यक्ति से 6 लाख रुपये की ठगी कर ली गई थी। केस दर्ज कर जब पुलिस जांच की तो संदिग्ध का लोकेशन गोवा का मिला। पुलिस गोवा पहुंची और कलंगुट इलाके से 23 साल एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी अमन परमार के रूप में हुई है।
NSE जैसी दिखता फर्जी वेबसाइट
पुलिस ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति जोगेश्वरी स्थित चप्पल बनाने वाली एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर है। उसको टेलीग्राम पर मैसेज मिला था, जिसमें दावा किया गया कि एक रेस्टोरेंट्स को ऑनलाइन रेटिंग देना है। इसके बदले उसको प्रतिदिन 5 हजार से 8 हजार रुपये की कमाई होगी। इस लालच में आकर पीड़ित जालसाजों के झांसे में फंस गया और उसने मैसेज में दिए गए निर्देशों का पालन किया। शुरुआत में उसे पुरस्कार के रूप में 180 रुपये मिले। इससे उसका सामने वाले पर भरोसा हो गया। इसके बाद, उसे एक लिंक पर भेजा गया जो किसी आधिकारिक एनएसई (नैशनल स्टॉक एक्सचेंज) निवेश साइट जैसा लग रहा था। इसमें उसको विश्वास दिलाने के लिए एक नकली बैलेंस भी दिखाया गया।
बैलेंस निकालने में हुआ फेल
पुलिस के अनुसार, 12 जून से 15 जून के बीच जालसाजों की ओर से पीड़ित को बार-बार अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न दिलाने के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। इस प्रक्रिया पर भरोसा कर पीड़ित ने गूगल पे और फोनपे के जरिए कुल 6,09,884 रुपये जालसाजों को भेज दिया। कथित वेबसाइट पर अपना बैलेंस देखकर पीड़ित ने जब उसको निकालने का प्रयास किया तो वह असफल रहा। कई बार जब संपर्क किया तो सामने वाले ने मोबाइल ही बंद कर दिया। आखिरकार ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने ओशिवारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद ओशिवारा पुलिस की जांच टीम गोवा पहुंची और आरोपी को धर दबोचा गया।
आप ‘टास्क फ्रॉड’ कैसे बचें?
टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या वाट्एएप पर किसी भी अनजान प्रोफाइल, ग्रुप या चैनल से नहीं जुड़े। टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या वाट्एएप से आए किसी लिंक पर क्लिक नहीं करें। इसके अलावा निवेश पर अत्याधिक लाभ या जॉब ऑफर्स के लालच में फीस, रजिस्ट्रेशन, अडवांस ट्रेडिंग मनी आदि के नाम पर कभी भी पैसे जमा नहीं करें। सोशल मीडिया पर किसी भी लिंक के माध्यम से ओपन हुए ऐप या वेबपेज पर अपनी बैंकिंग एवं व्यक्तिगत जानकारी अपलोड नहीं करें। एक्सपर्ट के अनुसार अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजी गई लिंक के माध्यम से या सोशल मीडिया ग्रुप में भेजे गए फाईल को कभी भी डाउनलोड नहीं करें। साइबर ठगी का अहसास होते ही 1930 पर कॉल कर इस प्रकार की धोखाधड़ी की सूचना व शिकायत दर्ज कराएं।
NSE जैसी दिखता फर्जी वेबसाइट
पुलिस ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति जोगेश्वरी स्थित चप्पल बनाने वाली एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर है। उसको टेलीग्राम पर मैसेज मिला था, जिसमें दावा किया गया कि एक रेस्टोरेंट्स को ऑनलाइन रेटिंग देना है। इसके बदले उसको प्रतिदिन 5 हजार से 8 हजार रुपये की कमाई होगी। इस लालच में आकर पीड़ित जालसाजों के झांसे में फंस गया और उसने मैसेज में दिए गए निर्देशों का पालन किया। शुरुआत में उसे पुरस्कार के रूप में 180 रुपये मिले। इससे उसका सामने वाले पर भरोसा हो गया। इसके बाद, उसे एक लिंक पर भेजा गया जो किसी आधिकारिक एनएसई (नैशनल स्टॉक एक्सचेंज) निवेश साइट जैसा लग रहा था। इसमें उसको विश्वास दिलाने के लिए एक नकली बैलेंस भी दिखाया गया।
बैलेंस निकालने में हुआ फेल
पुलिस के अनुसार, 12 जून से 15 जून के बीच जालसाजों की ओर से पीड़ित को बार-बार अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न दिलाने के बहाने पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। इस प्रक्रिया पर भरोसा कर पीड़ित ने गूगल पे और फोनपे के जरिए कुल 6,09,884 रुपये जालसाजों को भेज दिया। कथित वेबसाइट पर अपना बैलेंस देखकर पीड़ित ने जब उसको निकालने का प्रयास किया तो वह असफल रहा। कई बार जब संपर्क किया तो सामने वाले ने मोबाइल ही बंद कर दिया। आखिरकार ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने ओशिवारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद ओशिवारा पुलिस की जांच टीम गोवा पहुंची और आरोपी को धर दबोचा गया।
आप ‘टास्क फ्रॉड’ कैसे बचें?
टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या वाट्एएप पर किसी भी अनजान प्रोफाइल, ग्रुप या चैनल से नहीं जुड़े। टेलीग्राम, इंस्टाग्राम या वाट्एएप से आए किसी लिंक पर क्लिक नहीं करें। इसके अलावा निवेश पर अत्याधिक लाभ या जॉब ऑफर्स के लालच में फीस, रजिस्ट्रेशन, अडवांस ट्रेडिंग मनी आदि के नाम पर कभी भी पैसे जमा नहीं करें। सोशल मीडिया पर किसी भी लिंक के माध्यम से ओपन हुए ऐप या वेबपेज पर अपनी बैंकिंग एवं व्यक्तिगत जानकारी अपलोड नहीं करें। एक्सपर्ट के अनुसार अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजी गई लिंक के माध्यम से या सोशल मीडिया ग्रुप में भेजे गए फाईल को कभी भी डाउनलोड नहीं करें। साइबर ठगी का अहसास होते ही 1930 पर कॉल कर इस प्रकार की धोखाधड़ी की सूचना व शिकायत दर्ज कराएं।
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