रामबाबू मित्तल, सहारनपुर: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में एक बार फिर राजनीति और सत्ता पर तीखे तंज कसे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हलाल सर्टिफिकेट वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कोई लाल है तो कोई हरा, यानी बस फर्क इतना है कि कोई वेज है और कोई नॉनवेज। अगर ऑर्गेनिक है तो ग्रीन और नॉनवेज पर लाल निशान लगाओ, बस यही सही तरीका है। बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, मायावती जी की उम्र बहुत हो चुकी है, अब उन्हें आराम करना चाहिए। राजनीति में अनावश्यक झंझट में पड़ने की जरूरत नहीं है।
टिकैत ने कहा कि आज नेताओं को देश की असली समस्याओं से ध्यान हटाने का नया तरीका मिल गया है। वे जनता के मुद्दों की बजाय धर्म और रंगों की राजनीति में उलझे हैं। किसान, नौजवान और गरीब आज भी परेशान है, लेकिन इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहता। किसानों के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि हरियाणा में गन्ने के रेट बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में किसान अब भी पुराने रेट पर ही परेशान है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार को गन्ने का रेट बढ़ाना चाहिए और बकाया भुगतान भी तुरंत करना चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, मायावती जी की उम्र बहुत हो चुकी है, अब उन्हें आराम करना चाहिए। राजनीति में अनावश्यक झंझट में पड़ने की जरूरत नहीं है। टिकैत ने कहा कि राजनीति अब सेवा का माध्यम नहीं, बल्कि स्वार्थ का खेल बन गई है।
सांसद इकरा हसन के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी पर टिकैत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा किसी भी लड़की पर गलत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि अगर हमारी अपनी बहन-बेटी के बारे में कोई इस तरह बोले तो हमें कैसा लगेगा।उन्होंने समाज से अपील की कि महिलाओं के सम्मान के साथ कोई समझौता न किया जाए।
अपने दामाद के घर में हुई चोरी को लेकर टिकैत ने बताया कि वह बिना सूचना के वहां पहुंचे थे, ताकि स्थिति को खुद देख सकें। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस चोरों को पकड़ने की बजाय यह पूछ रही है कि पैसा कहां से आया। पांच लाख जैसी रकम तो कोई भी आम आदमी अपने घर रख लेता है, इसमें क्या अपराध है? अंत में टिकैत ने कहा कि अब जनता को धर्म और रंगों की राजनीति से ऊपर उठकर अपनी असली समस्याओं किसान, शिक्षा, रोजगार और महंगाई पर ध्यान देना होगा। तभी देश का भला संभव है।
टिकैत ने कहा कि आज नेताओं को देश की असली समस्याओं से ध्यान हटाने का नया तरीका मिल गया है। वे जनता के मुद्दों की बजाय धर्म और रंगों की राजनीति में उलझे हैं। किसान, नौजवान और गरीब आज भी परेशान है, लेकिन इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहता। किसानों के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि हरियाणा में गन्ने के रेट बढ़ा दिए गए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में किसान अब भी पुराने रेट पर ही परेशान है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार को गन्ने का रेट बढ़ाना चाहिए और बकाया भुगतान भी तुरंत करना चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, मायावती जी की उम्र बहुत हो चुकी है, अब उन्हें आराम करना चाहिए। राजनीति में अनावश्यक झंझट में पड़ने की जरूरत नहीं है। टिकैत ने कहा कि राजनीति अब सेवा का माध्यम नहीं, बल्कि स्वार्थ का खेल बन गई है।
सांसद इकरा हसन के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी पर टिकैत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा किसी भी लड़की पर गलत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि अगर हमारी अपनी बहन-बेटी के बारे में कोई इस तरह बोले तो हमें कैसा लगेगा।उन्होंने समाज से अपील की कि महिलाओं के सम्मान के साथ कोई समझौता न किया जाए।
अपने दामाद के घर में हुई चोरी को लेकर टिकैत ने बताया कि वह बिना सूचना के वहां पहुंचे थे, ताकि स्थिति को खुद देख सकें। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस चोरों को पकड़ने की बजाय यह पूछ रही है कि पैसा कहां से आया। पांच लाख जैसी रकम तो कोई भी आम आदमी अपने घर रख लेता है, इसमें क्या अपराध है? अंत में टिकैत ने कहा कि अब जनता को धर्म और रंगों की राजनीति से ऊपर उठकर अपनी असली समस्याओं किसान, शिक्षा, रोजगार और महंगाई पर ध्यान देना होगा। तभी देश का भला संभव है।
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