अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि में होने वाले ध्वजारोहण समारोह के लिए अयोध्या को सजाया और संवारा जा रहा है। वहीं इस भव्य समारोह में देश-दुनिया से करीब 10 हजार मेहमान, संत-पुजारी समेत अन्य वीआईपी आ रहे हैं। इनके रहने के लिए अयोध्या के होटल, लॉज, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, होम स्टे बुक किए जा रहे हैं। अब तक श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से ही 3 हजार कमरों की बुकिंग कराई जा चुकी है। इस तरफ होटल क्षेत्र में भी अर्थव्यवस्था को विस्तार मिलेगा।
बता दें अयोध्या में राम मंदिर ध्वजारोहण का यह ऐतिहासिक पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि विश्व भर के श्रद्धालुओं के लिए सांस्कृतिक गौरव का भी केंद्र बनेगा। मंदिर ट्रस्ट ने सभी विभागों के समन्वय से इस आयोजन को अविस्मरणीय बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले चार दिवसीय ध्वजारोहण उत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
पीएम मोदी, मोहन भागवत भी होंगे शामिल!यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 21 नवंबर से प्रारंभ होकर 25 नवंबर तक चलेगा। मुख्य आयोजन दिवस 25 नवंबर को 8 मंदिरों के शिखरों पर ध्वजारोहण का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के शामिल होने की संभावना है।
डॉ. मिश्र ने बताया कि 25 नवंबर को रामलला के गर्भगृह के मुख्य शिखर सहित परकोटे में स्थित छह देवी-देवता मंदिरों और शेषावतार मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराए जाएंगे। मंदिर ट्रस्ट ने ध्वज निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान में विभिन्न प्रकार के कपड़ों से ध्वजों का ट्रायल चल रहा है ताकि तय मानकों के अनुरूप उनका वजन और मजबूती सुनिश्चित की जा सके। साथ ही ध्वजों पर अंकित होने वाले चिन्हों की डिजाइन पर भी अंतिम रूप देने का कार्य जारी है।
राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूराउम्मीद है कि अगले सप्ताह तक ध्वज निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। डॉ. मिश्र ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और बचे हुए छोटे-मोटे कार्य 30 अक्टूबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। मंदिर के ग्राउंड और प्रथम तल का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जबकि दूसरे तल का कार्य 98 प्रतिशत तक पूरा है। अब उसे फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। खंभों पर सुंदर मूर्तिकला और नक्काशी से मंदिर की भव्यता में चार चांद लग गए हैं। परकोटा की गैलरी में हरियाली के लिए विशेष स्थान छोड़ा गया है, ताकि श्रद्धालु भ्रमण के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकें।
आसान की गई पास बनवाने की प्रक्रियामंदिर परिसर में पैदल मार्ग का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सुगम आवागमन मिल सके। सफाई कार्य और निर्माण सामग्री हटाने का काम भी अंतिम चरण में है। ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन प्रणाली को और सुलभ बनाने पर कार्य कर रहा है। अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दर्शन पास बनवाने की प्रक्रिया को और सरल किया गया है। स्वीकृति मिलते ही पास का पीडीएफ सीधे श्रद्धालु को भेजा जाएगा, जिससे ट्रस्ट कार्यालय के बाहर भीड़ न लगे।
बता दें अयोध्या में राम मंदिर ध्वजारोहण का यह ऐतिहासिक पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा, बल्कि विश्व भर के श्रद्धालुओं के लिए सांस्कृतिक गौरव का भी केंद्र बनेगा। मंदिर ट्रस्ट ने सभी विभागों के समन्वय से इस आयोजन को अविस्मरणीय बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले चार दिवसीय ध्वजारोहण उत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
पीएम मोदी, मोहन भागवत भी होंगे शामिल!यह ऐतिहासिक कार्यक्रम 21 नवंबर से प्रारंभ होकर 25 नवंबर तक चलेगा। मुख्य आयोजन दिवस 25 नवंबर को 8 मंदिरों के शिखरों पर ध्वजारोहण का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के शामिल होने की संभावना है।
डॉ. मिश्र ने बताया कि 25 नवंबर को रामलला के गर्भगृह के मुख्य शिखर सहित परकोटे में स्थित छह देवी-देवता मंदिरों और शेषावतार मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराए जाएंगे। मंदिर ट्रस्ट ने ध्वज निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वर्तमान में विभिन्न प्रकार के कपड़ों से ध्वजों का ट्रायल चल रहा है ताकि तय मानकों के अनुरूप उनका वजन और मजबूती सुनिश्चित की जा सके। साथ ही ध्वजों पर अंकित होने वाले चिन्हों की डिजाइन पर भी अंतिम रूप देने का कार्य जारी है।
राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूराउम्मीद है कि अगले सप्ताह तक ध्वज निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। डॉ. मिश्र ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और बचे हुए छोटे-मोटे कार्य 30 अक्टूबर तक पूरे कर लिए जाएंगे। मंदिर के ग्राउंड और प्रथम तल का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जबकि दूसरे तल का कार्य 98 प्रतिशत तक पूरा है। अब उसे फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। खंभों पर सुंदर मूर्तिकला और नक्काशी से मंदिर की भव्यता में चार चांद लग गए हैं। परकोटा की गैलरी में हरियाली के लिए विशेष स्थान छोड़ा गया है, ताकि श्रद्धालु भ्रमण के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकें।
आसान की गई पास बनवाने की प्रक्रियामंदिर परिसर में पैदल मार्ग का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सुगम आवागमन मिल सके। सफाई कार्य और निर्माण सामग्री हटाने का काम भी अंतिम चरण में है। ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन प्रणाली को और सुलभ बनाने पर कार्य कर रहा है। अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दर्शन पास बनवाने की प्रक्रिया को और सरल किया गया है। स्वीकृति मिलते ही पास का पीडीएफ सीधे श्रद्धालु को भेजा जाएगा, जिससे ट्रस्ट कार्यालय के बाहर भीड़ न लगे।
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