प्रयागराज: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे ने देश में 'क्रिप्टो क्रिश्चियन' की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोग धर्म परिवर्तन के बाद आरक्षण का लाभ उठाने के लिए अपने आधिकारिक दस्तावेजों में बदलाव नहीं करते। रविवार को यहां विहिप के काशी प्रांत कार्यालय केसर भवन में पत्रकारों से बातचीत में परांडे ने कहा कि ये लोग आस्था और उपासना में ईसाई हैं, लेकिन कागजों पर हिंदू बने रहते हैं, जिससे सरकार और समाज को उनके धर्मांतरण की जानकारी ही नहीं होती।
क्रिप्टो क्रिश्चियन की रणनीति पर विहिप का आरोपपरांडे ने ईसाई संगठनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ईसाइयों ने धर्मांतरण की ऐसी रणनीति बनाई है जिसमें वे हिंदुओं का नाम नहीं बदलते, ताकि वे 'क्रिप्टो क्रिश्चियन' बने रहें। इससे जनसंख्या आंकड़ों में बदलाव न दिखे और दावा किया जा सके कि कोई धर्मांतरण नहीं हो रहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि विहिप जब मतदाता सूची की जांच करती है, तो कुछ गांवों में एक भी ईसाई नाम नहीं मिलता, फिर भी वहां कई चर्च मौजूद हैं। अगर गांव में कोई ईसाई नहीं रहता, तो ये चर्च किसके लिए बने हैं? यह साफतौर पर धर्मांतरण के केंद्रों का प्रमाण है। परांडे ने जोर देकर कहा कि केवल चर्च को ही इन लोगों के असली धार्मिक जुड़ाव की जानकारी होती है।
विहिप नेता ने दावा किया कि हिंदुओं और भारत को कमजोर करने के लिए देश के अंदर और बाहर कई षड़यंत्र रचे जा रहे हैं, जिनमें से एक युवाओं को नशे की लत लगाना है। उन्होंने कहा कि भारत 'गोल्डन क्रिसेंट' (ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान) और 'गोल्डन ट्रायंगल' (लाओस, थाईलैंड, म्यांमार) जैसे नशीले पदार्थों के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों के बीच स्थित होने से मादक पदार्थों की तस्करी का पारगमन मार्ग और गंतव्य दोनों बन जाता है। यह स्थिति भारत को नशे के जाल में फंसाने का सुनियोजित प्रयास है, जो परिवारों, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को नष्ट कर रही है।"
नशे के खिलाफ जनजागरण अभियान की तैयारीपरांडे ने बताया कि विहिप से जुड़े बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी ने नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान चलाने की तैयारी की है। उन्होंने कहा, नवंबर-दिसंबर में बजरंग दल के स्वयंसेवक देशभर के लगभग 6,000 प्रखंडों में पहुंचेंगे और विभिन्न गतिविधियों के जरिए युवाओं को नशामुक्ति के लिए जागरूक करेंगे। इसी तरह, दुर्गा वाहिनी की बहनें 4,000 प्रखंडों में अभियान चलाएंगी। यह अभियान समाज में नशे के खिलाफ एकजुटता पैदा करने का प्रयास है, ताकि युवा पीढ़ी सुरक्षित रहे।
क्रिप्टो क्रिश्चियन की रणनीति पर विहिप का आरोपपरांडे ने ईसाई संगठनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ईसाइयों ने धर्मांतरण की ऐसी रणनीति बनाई है जिसमें वे हिंदुओं का नाम नहीं बदलते, ताकि वे 'क्रिप्टो क्रिश्चियन' बने रहें। इससे जनसंख्या आंकड़ों में बदलाव न दिखे और दावा किया जा सके कि कोई धर्मांतरण नहीं हो रहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि विहिप जब मतदाता सूची की जांच करती है, तो कुछ गांवों में एक भी ईसाई नाम नहीं मिलता, फिर भी वहां कई चर्च मौजूद हैं। अगर गांव में कोई ईसाई नहीं रहता, तो ये चर्च किसके लिए बने हैं? यह साफतौर पर धर्मांतरण के केंद्रों का प्रमाण है। परांडे ने जोर देकर कहा कि केवल चर्च को ही इन लोगों के असली धार्मिक जुड़ाव की जानकारी होती है।
विहिप नेता ने दावा किया कि हिंदुओं और भारत को कमजोर करने के लिए देश के अंदर और बाहर कई षड़यंत्र रचे जा रहे हैं, जिनमें से एक युवाओं को नशे की लत लगाना है। उन्होंने कहा कि भारत 'गोल्डन क्रिसेंट' (ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान) और 'गोल्डन ट्रायंगल' (लाओस, थाईलैंड, म्यांमार) जैसे नशीले पदार्थों के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों के बीच स्थित होने से मादक पदार्थों की तस्करी का पारगमन मार्ग और गंतव्य दोनों बन जाता है। यह स्थिति भारत को नशे के जाल में फंसाने का सुनियोजित प्रयास है, जो परिवारों, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को नष्ट कर रही है।"
नशे के खिलाफ जनजागरण अभियान की तैयारीपरांडे ने बताया कि विहिप से जुड़े बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी ने नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान चलाने की तैयारी की है। उन्होंने कहा, नवंबर-दिसंबर में बजरंग दल के स्वयंसेवक देशभर के लगभग 6,000 प्रखंडों में पहुंचेंगे और विभिन्न गतिविधियों के जरिए युवाओं को नशामुक्ति के लिए जागरूक करेंगे। इसी तरह, दुर्गा वाहिनी की बहनें 4,000 प्रखंडों में अभियान चलाएंगी। यह अभियान समाज में नशे के खिलाफ एकजुटता पैदा करने का प्रयास है, ताकि युवा पीढ़ी सुरक्षित रहे।





