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अनंत शस्त्र... भारत का ऐसा डिफेंस सिस्टम, जो दुश्मन के फाइटर जेट और एयर स्ट्राइक को पलभर में कर देगा ध्वस्त

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नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की कमर तोड़ने के बाद भारत अपनी ताकत के इजाफे में जुटी हुई है। खास तौर पर भारतीय सेना अपना एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सेना ने 'अनंत शस्त्र' नाम से मिसाइल सिस्टम डेवलप करने का फैसला लिया है। सतह से हवा में मार करने वाली इस नई मिसाइल प्रणाली को खरीदने के लिए सेना की ओर से टेंडर भी जारी किया गया है। यह सिस्टम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित की है। इसका निर्माण सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) करेगी। जानिए 'अनंत शस्त्र' से जुड़ी बड़ी बातें।



'अनंत शस्त्र' मिसाइल सिस्टम प्रोजेक्ट क्यों है खास

दुनिया के कई देशों में तनाव और जंग के हालात बने हुए हैं। ऐसे में भारत भी अपनी रक्षा क्षमताओं को और पॉवरफुल बनाने में जुट गया है। ऐसे में भारतीय सेना 'अनंत शस्त्र' मिसाइल सिस्टम प्रोजेक्ट बेहद अहम माना जा रहा। लगभग 30,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 'अनंत शस्त्र' प्रणाली ड्रोन जैसे छोटे हवाई खतरों से लेकर लड़ाकू विमानों तक का सामना करने में सक्षम होगी।



पाकिस्तान-चीन की नींद उड़ना तय है

इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान और चीन से लगी भारत की सीमाओं पर हवाई सुरक्षा को बढ़ाना है। यह कदम रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को भी बढ़ावा देगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को रोकने में सेना की हवाई रक्षा ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह नई प्रणाली उस क्षमता को और मजबूत करेगी। यह खबर 27 सितंबर, 2025 को सामने आई है।



डीआरडीओ कर रहा डेवलप

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम है। भारतीय सेना ने स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की है। सेना ने 'अनंत शस्त्र' सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की पांच से छह रेजिमेंट खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है। यह टेंडर विशेष रूप से सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को दिया गया है। यह प्रणाली DRDO ने विकसित की है।



क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम

पहले इस प्रणाली को क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम के नाम से जाना जाता था। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 30,000 करोड़ रुपये है, भारतीय सेना की हवाई रक्षा को मजबूत करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सेना की हवाई रक्षा ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।



पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं को करेगा मजबूत

यह नई प्रणाली भारत की पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर हवाई सुरक्षा को और मजबूत करेगी। यह एक रणनीतिक कदम है जो देश की सुरक्षा को बढ़ाएगा। 'अनंत शस्त्र' हवाई रक्षा प्रणाली अपनी खासियतों के लिए जानी जाती है। इस मिसाइल सिस्टम को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। यह तेजी से अपनी स्थिति बदल सकती है।



टारगेट को खोजने और ध्वस्त करने की क्षमता

अनंत शस्त्र हवाई रक्षा प्रणाली अत्यधिक मोबाइल हैं क्योंकि उनमें चलते-फिरते टारगेट को खोजने और ट्रैक करने की क्षमता है और वे थोड़े समय के लिए रुककर भी फायर कर सकते हैं। यह सिस्टम चलते-फिरते भी दुश्मन के ठिकानों का पता लगा सकती है। यह उन पर नजर रख सकती है। और फिर, थोड़े समय के लिए रुककर भी उन पर हमला कर सकती है। इसकी मारक क्षमता लगभग 30 किलोमीटर है।



देश की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण

यह प्रणाली मौजूदा MR-SAM और आकाश जैसी प्रणालियों के साथ मिलकर काम करेगी। यह छोटी से मध्यम दूरी की श्रेणी में हवाई सुरक्षा प्रदान करेगी। रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की कार्रवाई के तुरंत बाद इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी। यह मंजूरी मई महीने में मिली थी। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, इस अत्यधिक मोबाइल और एक्टिव सिस्टम को भारत की पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। यह तैनाती देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी।

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