कोलकाता: देश में सबसे पहली मेट्रो कोलकाता में चली थी। करीब चार दशक बाद 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की राजधानी को नई रफ्तार देंगे। पीएम मोदी में कोलकाता में 13.61 किमी लंबे नए मेट्रो नेटवर्क का उद्घाटन करेंगे। जिसमें से नोआपारा-जय हिंद विमानबंदर, सियालदह-एस्प्लेनेड और बेलीघाटा-हेमंत मुखोपाध्याय रूट शामिल हैं। इससे यात्रा समय में भारी कमी आएगी। जैसे सियालदह से एस्प्लेनेड तक का सफर 40 मिनट से घटकर मात्र 11 मिनट में पूरा होगा।
ममता बनर्जी को भेजा है न्योता
इसके अलावा पीएम मोदी अपने दौरे में इसके अलावा प्रधानमंत्री 7.2 किमी लंबे 6-लेन एलिवेटेड कोना एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे जिसकी लागत लगभग 1,200 करोड़ रुपये है। यह प्रोजेक्ट हावड़ा, ग्रामीण इलाकों और कोलकाता को बेहतर कनेक्टिविटी देगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और यातायात में बड़ा सुधार होगा। पीए मोदी बिहार में परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद बंगाल पहुंचेंगे। कोलकाता मेट्रो नेटवर्क के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए रेल मंत्री ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया है, लेकिन उनके मौजूद रहने की उम्मीद नहीं है।
ऐसे बदलेगा कोलकाता में सफर
1. ग्रीन लाइन–एस्प्लानेड से सियालदह: 2.45 किमी लंबा यह छोटा सा खंड शहर की सबसे बड़ी राहत साबित होगा। अभी हावड़ा और सियालदह जैसे दो बड़े रेलवे टर्मिनलों के बीच पहुंचने में सड़क से 40–45 मिनट तक लगते हैं। अब मेट्रो से यह सफर सिर्फ़ 11 मिनट में पूरा होगा। रोज़ाना लाखों यात्रियों के लिए यह समय बचत किसी वरदान से कम नहीं होगी।
2. येलो लाइन – नोआपाड़ा से जय हिंद विमानबंदर (6.77 किमी): अब एयरपोर्ट तक पहुaचने के लिए लंबी सड़क यात्रा की जरूरत नहीं रहेगी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री, एयरलाइन स्टाफ और एयरपोर्ट कर्मचारी सब तेज़, सुरक्षित और आरामदायक सफर का अनुभव करेंगे। दमदम कैंटोनमेंट से इंटरचेंज सुविधा मिलने से पूरे शहर और प्रमुख रेलवे स्टेशनों तक सीधा कनेक्शन भी आसान हो जाएगा। एस्प्लानेड से एयरपोर्ट तक अब यह दूरी सिर्फ 30 मिनट में पूरी होगी।
3. ऑरेंज लाइन–हेमंत मुखोपाध्याय से बेलेघाटा (4.4 किमी): यह विस्तार साइंस सिटी, बड़े अस्पतालों, स्कूलों और व्यावसायिक केंद्रों को जोड़ेगा। यात्रियों की संख्या यहाँ दोगुनी होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि बेलेघाटा से कवि सुभाष तक की यात्रा भी अब सिर्फ़ 32 मिनट में पूरी की जा सकेगी। इससे दक्षिणी कोलकाता और पूर्वी कोलकाता के बीच सफर बेहद आसान हो जाएगा।
इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
इन नई लाइनों के जुड़ने से न सिर्फ़ कोलकाता बल्कि उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। शहर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचने में जो समय पहले घंटों लेता था। अब वही सफर कुछ ही मिनटों में संभव होगा। कोलकाता मेट्रो का यह नया अध्याय केवल पटरियों पर चलती मेट्रो नहीं, बल्कि शहर की रफ्तार और कोलकाता के निवासियों का जीवन आसान बनाने वाला कदम है। पिछले 10 सालों में कोलकाता मेट्रो के नेटवर्क में 45 किमी की बढ़ोतरी हुई है। कोलाकात में पहली मेट्रो 1984 में दौड़ी थी।
ममता बनर्जी को भेजा है न्योता
इसके अलावा पीएम मोदी अपने दौरे में इसके अलावा प्रधानमंत्री 7.2 किमी लंबे 6-लेन एलिवेटेड कोना एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे जिसकी लागत लगभग 1,200 करोड़ रुपये है। यह प्रोजेक्ट हावड़ा, ग्रामीण इलाकों और कोलकाता को बेहतर कनेक्टिविटी देगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और यातायात में बड़ा सुधार होगा। पीए मोदी बिहार में परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद बंगाल पहुंचेंगे। कोलकाता मेट्रो नेटवर्क के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए रेल मंत्री ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया है, लेकिन उनके मौजूद रहने की उम्मीद नहीं है।
ऐसे बदलेगा कोलकाता में सफर
1. ग्रीन लाइन–एस्प्लानेड से सियालदह: 2.45 किमी लंबा यह छोटा सा खंड शहर की सबसे बड़ी राहत साबित होगा। अभी हावड़ा और सियालदह जैसे दो बड़े रेलवे टर्मिनलों के बीच पहुंचने में सड़क से 40–45 मिनट तक लगते हैं। अब मेट्रो से यह सफर सिर्फ़ 11 मिनट में पूरा होगा। रोज़ाना लाखों यात्रियों के लिए यह समय बचत किसी वरदान से कम नहीं होगी।
2. येलो लाइन – नोआपाड़ा से जय हिंद विमानबंदर (6.77 किमी): अब एयरपोर्ट तक पहुaचने के लिए लंबी सड़क यात्रा की जरूरत नहीं रहेगी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री, एयरलाइन स्टाफ और एयरपोर्ट कर्मचारी सब तेज़, सुरक्षित और आरामदायक सफर का अनुभव करेंगे। दमदम कैंटोनमेंट से इंटरचेंज सुविधा मिलने से पूरे शहर और प्रमुख रेलवे स्टेशनों तक सीधा कनेक्शन भी आसान हो जाएगा। एस्प्लानेड से एयरपोर्ट तक अब यह दूरी सिर्फ 30 मिनट में पूरी होगी।
3. ऑरेंज लाइन–हेमंत मुखोपाध्याय से बेलेघाटा (4.4 किमी): यह विस्तार साइंस सिटी, बड़े अस्पतालों, स्कूलों और व्यावसायिक केंद्रों को जोड़ेगा। यात्रियों की संख्या यहाँ दोगुनी होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि बेलेघाटा से कवि सुभाष तक की यात्रा भी अब सिर्फ़ 32 मिनट में पूरी की जा सकेगी। इससे दक्षिणी कोलकाता और पूर्वी कोलकाता के बीच सफर बेहद आसान हो जाएगा।
इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
इन नई लाइनों के जुड़ने से न सिर्फ़ कोलकाता बल्कि उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के यात्रियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। शहर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचने में जो समय पहले घंटों लेता था। अब वही सफर कुछ ही मिनटों में संभव होगा। कोलकाता मेट्रो का यह नया अध्याय केवल पटरियों पर चलती मेट्रो नहीं, बल्कि शहर की रफ्तार और कोलकाता के निवासियों का जीवन आसान बनाने वाला कदम है। पिछले 10 सालों में कोलकाता मेट्रो के नेटवर्क में 45 किमी की बढ़ोतरी हुई है। कोलाकात में पहली मेट्रो 1984 में दौड़ी थी।
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