नई दिल्ली: 21 मई को भारी टबुर्लेंस में फंसी दिल्ली से श्रीनगर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट को इससे उबारकर सुरक्षित लैंडिंग कराने के लिए इसके पायलटों की तारीफ की जा रही है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि इसमें कई पेच भी सामने आ रहे हैं। जैसे कि जब 230 यात्री और दो पायलट समेत 7 क्रू को ले जा रहे इंडिगो के एयरक्राफ्ट के फ्रंट में 150 किलोमीटर आगे का मौसम का हाल बताने वाला वेदर रेडार लगा था तो फिर पायलट को पहले से इतने खराब मौसम का आभास क्यों नहीं हुआ? पहले साफ मौसम की थी जानकारीसूत्रों ने यह भी बताया कि मौसम विभाग ने 20 और 21 मई की सुबह तक जम्मू-कश्मीर के लिए मौसम साफ बताया था, लेकिन 21 मई की दोपहर 2:50 बजे लाइटिंग का अलर्ट जारी किया था। फिर ऐसे में इंडिगो की तरफ से पायलट ने फ्लाइट टेक ऑफ क्यों कराई? दूसरे पाकिस्तान से उसका एयर स्पेस इस्तेमाल करने के लिए लाहौर एटीसी से जो संपर्क किया गया था, क्या उसमें यह इमरजेंसी बताई गई थी? क्या कह रहे एक्सपर्ट्स?इन तमाम सवालों के जवाब में जांच से जुड़े सूत्र और एक्सपर्ट का कहना है कि सबसे पहले तो एयरक्राफ्ट के आगे लगा वेदर रेडार बादल समेत मौसम के बारे में कुछ और जानकारी देता है। वह हवाओं का रुख समेत रियल टाइम वेदर कंडीशन नहीं बता पाता। दूसरे, आमतौर पर श्रीनगर के लिए वेदर कंडीशन बहुत अच्छी नहीं रहती हैं। लेकिन खराब मौसम में भी आमतौर पर करीब 45 मिनट बाद पायलटों के लिए ऐसी अप्रोच विंडो ओपन हो जाती है जिसमें वह एयरक्राफ्ट को टेक ऑफ या लैंड करा सकते हैं। इस मामले में ऐसा नहीं हो पाया और पायलट उसमें फंस गया। नहीं था कोई ऑप्शनसूत्रों का यह भी कहना है कि खराब मौसम को देखते हुए पायलट यू टर्न ले सकता था, लेकिन मौसम के मिजाज को देखकर लगता है कि पीछे भी मौसम खराब हो गया था और पायलट प्लेन को एयरस्पेस पर लगे प्रतिबंध की वजह से बहुत ज्यादा लेफ्ट-राइट नहीं करा सकता था। ऐसे में उसके सामने आगे बढ़ने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा था।
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