नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं। पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है, लेकिन उसकी ओर से परमाणु हमले की धमकियां सामने आई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ता है, तो दुनिया के कौन-कौन से देश किसका साथ देंगे? आइए समझते हैं। भारत के साथ कौन-कौन देश?इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले एक दशक में भारत दुनिया के शक्तिशाली देशों में शामिल हो गया है। वैश्विक स्तर पर भारत की छवि काफी मजबूत हुई है। पहलगाम हमले के बाद दुनिया के ज्यादातर देश भारत के साथ खड़े दिखे। ऐसे में सवाल उठता है कि जंग के वक्त कौन-कौन से देश भारत का साथ दे सकते हैं? 1. अमेरिका: अमेरिका और भारत के बीच हाल के वर्षों में रक्षा और रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई है, खासकर क्वाड (QUAD) गठबंधन के जरिए। अमेरिका अब भारत को इंडो-पैसिफिक रणनीति में महत्वपूर्ण सहयोगी मानता है। पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव को 'लंबे समय से चली आ रही समस्या' बताया, लेकिन भारत के साथ निकटता का संकेत दिया। युद्ध की स्थिति में अमेरिका भारत को कूटनीतिक समर्थन, खुफिया जानकारी, और संभवतः सैन्य उपकरण प्रदान कर सकता है। हालांकि, अमेरिका खुलकर सैन्य हस्तक्षेप से बच सकता है। 2. रूस: रूस और भारत के बीच दशकों पुराना रक्षा और कूटनीतिक रिश्ता है। भारत ने रूस से सुखोई-30, S-400 जैसे अहम हथियार खरीदे हैं। 1971 के युद्ध में रूस ने भारत का खुलकर समर्थन किया था। जंग के वक्त भी रूस भारत को हथियारों की आपूर्ति और संयुक्त राष्ट्र में समर्थन दे सकता है। 3. फ्रांस: फ्रांस भारत को राफेल लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य हथियार देता रहा है। दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा समझौते हैं। पहलगाम हमले के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत के साथ फोन पर चर्चा की थी। युद्ध में फ्रांस भारत को हथियारों की आपूर्ति और कूटनीतिक समर्थन दे सकता है। 4. इजरायल: इजरायल और भारत के बीच रक्षा और तकनीकी सहयोग मजबूत है। 1999 के कारगिल युद्ध में इजरायल ने भारत को ड्रोन और नाइट विजन डिवाइस दिए थे। युद्ध की स्थिति में इजरायल भारत को सैन्य तकनीक और खुफिया जानकारी दे सकता है। 5. जापान और ऑस्ट्रेलिया: क्वाड के सदस्य के रूप में जापान और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ मजबूत रणनीतिक रिश्ते रखते हैं। दोनों देश चीन की क्षेत्रीय आक्रामकता को संतुलित करने के लिए भारत का समर्थन करते हैं। युद्ध में ये देश भारत को कूटनीतिक और आर्थिक सहायता प्रदान कर सकते हैं। 6. संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब: यूएई और सऊदी अरब ने हाल के वर्षों में भारत के साथ आर्थिक और आतंकवाद-विरोधी सहयोग बढ़ाया है। पाकिस्तान के साथ यूएई के रिश्ते हाल में तनावपूर्ण रहे हैं। युद्ध में ये देश भारत को कूटनीतिक और आर्थिक समर्थन दे सकते हैं। 7. अफगानिस्तान: भारत ने अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे और शिक्षा में भारी निवेश किया है। तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए, अफगानिस्तान भारत को क्षेत्रीय खुफिया जानकारी और कूटनीतिक समर्थन दे सकता है। पाकिस्तान के साथ कौन-कौन देश हो सकते हैं खड़े?पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं। भारत वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है। पाकिस्तान अपने यहां आतंकवाद को पालता है और यह बात किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में अब पाकिस्तान के साथ कम ही देश खड़े होते दिख रहे हैं। फिर भी अगर जंग होती है तो पाकिस्तान के संभावित समर्थक देश ये हो सकते हैं... 1. चीन: चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य और कूटनीतिक सहयोगी है। दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती है, और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर इसका सबूत है। हाल की खबरों के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को मिसाइलें और अन्य सैन्य उपकरण प्रदान किए हैं। हालांकि, 1965 और 1971 के युद्धों में चीन ने प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से परहेज किया था। युद्ध की स्थिति में चीन पाकिस्तान को हथियार, ड्रोन, और खुफिया समर्थन दे सकता है, लेकिन भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों (2023 में 136.2 बिलियन डॉलर) को देखते हुए खुलकर युद्ध में शामिल होने की संभावना कम है। 2. तुर्की: तुर्की ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया है। सोशल मीडिया पर खबरें हैं कि तुर्की ने पाकिस्तान को युद्ध सामग्री भेजी है। युद्ध में तुर्की पाकिस्तान को सैन्य उपकरण और कूटनीतिक समर्थन दे सकता है। 3. इस्लामिक देशों का संगठन (OIC): पाकिस्तान OIC में सक्रिय भूमिका निभाता है। कुछ मुस्लिम देश, जैसे मलेशिया या ईरान, कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान का समर्थन कर सकते हैं, लेकिन भारत के साथ इन देशों के आर्थिक रिश्तों को देखते हुए खुलकर युद्ध में शामिल होने की संभावना कम है। ये देश रहेंगे तटस्थ 1. उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के बीच 1970-1990 के दशक में परमाणु और मिसाइल तकनीक का आदान-प्रदान हुआ था, लेकिन वर्तमान में उनके रिश्ते उतने मजबूत नहीं हैं। उत्तर कोरिया भारत के साथ भी तटस्थ रुख रखता है। युद्ध में उत्तर कोरिया संभवतः तटस्थ रहेगा। 2. बांग्लादेश: 1971 में भारत की मदद से स्वतंत्र होने के बावजूद, बांग्लादेश की वर्तमान सरकार की नीतियां स्पष्ट नहीं हैं। कुछ भारत-विरोधी बयान सामने आए हैं, लेकिन पाकिस्तान के साथ पूर्ण समर्थन की संभावना कम है। भारत को अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल, जापान, ऑस्ट्रेलिया, और कुछ इस्लामिक देशों से मजबूत समर्थन मिल सकता है, जबकि पाकिस्तान को मुख्य रूप से चीन और तुर्की का साथ मिलेगा। हालांकि ये सब संभावित देश हैं। फिलहाल वैश्विक समुदाय जंग को रोकने की ही कोशिश करेगा।
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