नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में दो अहम मंत्रालयों में राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा दिल्ली और देश के बाकी शहरों को जाम से मुक्त करने की सोच रखते हैं। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने हमारे सहयोगी अखबार ‘सान्ध्य टाइम्स’ के संवाद में बताया कि दिल्ली को लेकर उनका क्या प्लान है...
सवाल - केंद्र में राज्य मंत्री के तौर पर अब तक के अपने काम को कैसे देखते हैं?
जवाब - सड़क, परिवहन और राजमार्ग एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में करीब एक साल दो महीने से काम कर रहा हूं। सबसे ज्यादा कोई मंत्रालय जनता को काम करते हुए दिखाई देता है तो वह सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय है। पिछले 11 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के विजन में करीब 56 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और बनाए हैं। 2014 से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग बनने की गति 12 किलोमीटर प्रति दिन थी। आज 30-32 किलोमीटर प्रतिदिन औसतन राष्ट्रीय राजमार्ग रोज बन रहा है। 2014 तक सिर्फ 92-93 किलोमीटर का हाईस्पीड कॉरिडोर था। 11 साल में 2,474 किमी हाईस्पीड कॉरिडोर बनाए हैं। आज देश में कोई गांव ऐसा नहीं है, जो किसी राष्ट्रीय राजमार्ग से 100 किमी से ज्यादा दूर हो।
सवाल - दिल्ली को जाम मुक्त करने के लिए क्या कर रहे?
जवाब - 11 साल पहले तक जब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे नहीं बना था, तब गाजीपुर से निजामुद्दीन और सरायकाले खां तक आने में 45 मिनट लगते थे। आज सरायकाले खां से दिल्ली-यूपी बॉर्डर तक पहुंचने में 7-8 मिनट लगते हैं। एयरपोर्ट जाने में धौलाकुआं पर घंटेभर जाम में फंसते थे। वहां के सर्कल को सिग्नल और जाम फ्री किया। आज पांच मिनट में धौलाकुआं क्रॉस हो जाता है। एम्स के सर्कल का जाम खत्म हुआ। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे 207 किलोमीटर बनकर तैयार है। जल्द ही मोदी जी और गडकरी जी के नेतृत्व में जनता को सुपुर्द कर देंगे।
सवाल - PM मोदी ने हाल में UER-2 लोकार्पित किया है। इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब - ये दिल्ली की तीसरी रिंग रोड मानी जा रही है, जो लगभग 75 किलोमीटर है। किसी को हरियाणा से दिल्ली में आना है, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर जाना है, तो डेढ़ से दो घंटे लगते थे। सिंघु बॉर्डर से एंट्री करने के बाद मुकरबा चौक, पीरागढ़ी, रोहिणी से होते हुए एयरपोर्ट तक पहुंचते थे। आज UER-2 बनने से अलीपुर से अधिकतम 40 मिनट में बगैर रेड लाइट और परेशानी के एयरपोर्ट तक पहुंच सकते हैं। समय और पैसा बचता है। दिल्ली के अंदर गैर जरूरी ट्रैफिक भी नहीं आएगा जिससे पलूशन भी कम होगा।
सवाल - UER-2 पर लगने वाले टोल से स्थानीय लोग नाराज हैं। इसका क्या समाधान निकालेंगे?
जवाब - 15 अगस्त से पूरे देश की पॉलिसी लागू हुई है। किसी भी टोल पर 20 किमी दायरे के निवासियों को सिर्फ 350 रुपये का पास बनवाना होगा। फिर महीनेभर तक कितनी भी बार टोल क्रॉस कर सकते हैं। ये बहुत सस्ता है। 20 किमी के दायरे में दिल्ली के लगभग गांव कवर हो जाएंगे। वैसे भी जो लोग हाइवे के किनारे रहते हैं, जिनकी जमीन पर सड़क बनी है, उन्हें चार गुना मुआवजा मिला है। जमीन की कीमत कई गुना बढ़ गई है। एक लाख रुपये की जमीन 20 से 25 लाख रुपये की हो गई है। ये भी समझना होगा। फिर भी बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास जारी है। हाइवे पर तो टोल पेमेंट करके ही जाना है। ये देश के कानून के मुताबिक है। कोशिश है कि सर्विस रोड बना दी जाए।
सवाल - कटरा-अमृतसर-दिल्ली एक्सप्रेस वे कब तक तैयार होगा?
जवाब - जल्द तैयार होगा। हरियाणा का हिस्सा पूरा हो गया है। पंजाब की सरकार ठीक से काम नहीं करने दे रही है। इससे वहां सिर्फ 25 प्रतिशत काम हो पाया है। पंजाब के आगे भी 75 से 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। अभी दिल्ली से कटरा पहुंचने में 15 से 16 घंटे लगते हैं। एक्सप्रेस वे बनने पर सफर 7 से 8 घंटे का रह जाएगा।
सवाल - सड़क सुरक्षा पर मंत्रालय क्या कुछ कर रहा है?
जवाब - पूरे देश में 14 हजार ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए हैं, जहां पर दुर्घटनाएं और डेथ रेट ज्यादा होते हैं। इन पर काम हो रहा है। जहां तीव्र मोड़ हैं, उन्हें खत्म करके सीधा किया गया है। जहां ट्रैफिक को धीमा करने की जरूरत है, उस पर भी काम कर रहे है। कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम शुरू की है। नैशनल हाइवे पर कोई मोटर वीइकल एक्सिडेंट होता है, तो घायल का डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज या सात दिनों तक का हॉस्पिटलाइजेशन सरकार फ्री कराएगी। रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता शिविर लगते रहते हैं। हर टोल पर एंबुलेंस की व्यवस्था है। सेंट्रलाइज्ड टेलिफोन नंबर 1033 के कॉल सेंटर उपलब्ध हैं। तुरंत एंबुलेंस पास के बड़े अस्पताल में भर्ती कराते हैं।
सवाल - ट्रांसपोर्टर्स की लंबी मांग है कि ट्रक चालकों और हेल्पर्स के लिए राजमार्गों पर बढ़िया रेस्ट रूम नहीं?
जवाब - दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस समेत कई हाइवे पर प्रत्येक 100 किमी की दूरी पर दोनों ओर इसकी व्यवस्था की है। वहां ट्रांसपोर्टर्स के ड्राइवर्स, हेल्पर्स के लिए डोरमेट्री की सुंदर व्यवस्था है। नहाने, शौचालय और ढाबे के बढ़िया खाने की व्यवस्था है। मॉडर्न भोजन की भी व्यवस्था है। मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध है। मनोरंजन के लिए टीवी और कपड़े धोने की भी व्यवस्था है। मंत्रालय तो यह चाहता है कि ड्राइवर 8-9 घंटे से ज्यादा ड्राइव नहीं करें। ये हर बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यवस्था हो रही है।
सवाल - दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे कब तक खुल सकेगा। इसमें क्यों देरी हो रही है?
जवाब - कोई देरी नहीं है, मगर कई कारणों से रुकावट आ जाती है। अब बाढ़ की स्थिति है, तो थोड़ा काम रुक गया है। सहारनपुर के पास महीनेभर का काम बाकी है। सहारनपुर से आगे और बागपत तक का रोड बन गया है।
n खजूरी चौक पर ट्रैफिक जाम रहता है। NHAI की ओर से सड़क बनाने से प्रॉब्लम आई है?
NHAI ने एलिवेटेड सड़क बनाई है। उसका वहां के नाले से कोई मतलब भी नहीं है। नीचे की सड़क को भी वन टाइम मेंटेन करके स्थानीय एजेंसी को देंगे। इसके लिए भी NHAI ने 19 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग को दे दिए हैं। वो सड़क बनाएंगे। खजूरी चौक पर ट्रैफिक स्मूद करने का भी प्लान बनाया है। एक लालबत्ती लगेगी। जहां इतने बड़े विकास कार्य होते हैं, तो थोड़ा दिक्कत आती है। कभी घंटेभर का जाम लगता था, आज 15 मिनट का जाम लगता है। ये भी नहीं लगना चाहिए।
सवाल - पूर्वी दिल्ली में तीन बड़े बाजार गांधी नगर, कृष्णा नगर और लक्ष्मीनगर में पार्किंग समस्या कैसे दूर होगी?
जवाब - पार्किंग का काम दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली सरकार भी करती है। पूरे देश में नैशनल हाइवे या एलिवेटिड रोड के नीचे पार्किंग को परमिशन नहीं है मगर गांधी नगर मार्केट चूंकि एशिया की रेडिमेड कपड़ों की बड़ी मार्केट है, इसलिए यहां एलिवेटिड रोड के नीचे बैरिकेड करके 1 हजार कार और 1 हजार दोपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था कर रहे हैं। इसका प्लान NHAI का एक विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) करेगा। वो जल्द टेंडर फ्लोट करेगा। वहां कंप्यूटराइज्ड और ऑटोमेटेड पार्किंग होगी। शौचालय होंगे।
सवाल - दिल्ली के डीकंजेशन के लिए क्या काम कर रहे?
जवाब - केंद्र सरकार की कोशिश है कि दिल्ली में ट्रैफिक स्मूद हो जाए। 8 महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने डीकंजेशन प्लान घोषित किया था। गुरुग्राम से दिल्ली आने एक से डेढ़ घंटा लगता था। इसे खत्म करने के लिए शिवमूर्ति से वसंतकुंज नेल्सन मंडेला मार्ग तक अंडरग्राउंड टनल बनाने का प्लान बनाया है, जो 5 किमी का होगा। अब घंटेभर की जगह 15 से 20 मिनट में रास्ता तय हो जाएगा। कटरा-अमृतसर-दिल्ली हाईवे पर बड़ा ट्रैफिक आने वाला है, जो ईस्टर्न पेरिफेरल से जुड़ेगा। ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से एयरपोर्ट आने जाने वालों को UER-2 के बीच हाईवे बनाने वाले हैं। इससे दिल्ली में गैर जरूरी ट्रैफिक नहीं आएगा। एक्टेंशन सड़क बनेगी। सोनीपत से आने वाले को देहरादून जाना है, तो अक्षरधाम आने की जरूरत नहीं होगी। अलीपुर से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के लिए UER-2 से अलग एक्सटेंशन सड़क बनेगी। ये ट्रॉनिका सिटी तक जाएगा। दूसरी ओर ट्रॉनिका सिटी से नोएडा तक गाजियाबाद होते हुए सड़क बना रहे हैं। उन्हें दिल्ली नहीं आना होगा। उसे फरीदाबाद के आउटर रोड से जोड़ेंगे। वो सोहना होते हुए मुंबई एक्सप्रेस वे तक जाएगा। ये बिना रेड लाइट और बिना ब्रेक होगा। डीएनडी से किसी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे जाना है, तो उसके लिए भी सड़क तैयार हो रही है। यमुना पर एक अलग ब्रिज तैयार हो रहा है। पूर्वी दिल्ली के व्यक्ति को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे जाने वालों को धौलाकुआं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें सिर्फ 40 से 45 मिनट लगेगा।
सवाल - कालिंदी कुंज के जाम का समाधान कब होगा?
जवाब - वहां धौलाकुआं और एम्स की तरह सर्कल बना रहे हैं। इस पर काम शुरू हो गया है।
सवाल - दिल्ली सरकार के काम को कैसे आंकते हैं?
जवाब - रेखा गुप्ता की सरकार अच्छा काम कर रही है। 11 साल में एक ईट तक ठीक से नहीं लगी। रेखा सरकार ने आते ही पीने की पाइप लाइन को ठीक कराया है। इस बार जबरदस्त बारिश हुई है। हर जगह पानी दिख रहा है, मगर दिल्ली में बड़ा जलभराव देखने को नहीं मिल रहा। जहां भी पानी भरा है, वहां कुछ ही देर में निकल रहा है। मिंटो ब्रिज भी इस बार नहीं डूबा। मॉनसून से पहले ही नाले, सीवर की सफाई हुई है।
मंत्रालय के बड़े काम
- अटल टनल बनने से मनाली-लेह के बीच ऑल वेदर कनेक्टिविटी हुई है। पांच घंटे का ट्रैवल टाइम कम हुआ है।
- असाम और अरुणाचल प्रदेश के बीच में धुइया सादिया ब्रिज बना है। असम से अरुणाचल पहुंचने में जहां 6 घंटे लगते थे, अब एक घंटे में पहुंच सकते हैं। ये सेनाओं के मूवमेंट के लिए भी अहम है।
- श्रीनगर से करगिल तक भी जेड मोड़ टनल बनकर तैयार है, जो ऑल वेदर है। पहले सिर्फ चार महीने करगिल से कश्मीर जुड़ा रहता था। अब 12 महीने जुड़ा रहेगा।
- उधमपुर और श्रीनगर के बीच चेनानी नाशरी सुरंग बनाई है। इसमें 2 घंटे का सफर 10 मिनट का हो गया है।
सवाल - केंद्र में राज्य मंत्री के तौर पर अब तक के अपने काम को कैसे देखते हैं?
जवाब - सड़क, परिवहन और राजमार्ग एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में करीब एक साल दो महीने से काम कर रहा हूं। सबसे ज्यादा कोई मंत्रालय जनता को काम करते हुए दिखाई देता है तो वह सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय है। पिछले 11 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के विजन में करीब 56 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग और बनाए हैं। 2014 से पहले राष्ट्रीय राजमार्ग बनने की गति 12 किलोमीटर प्रति दिन थी। आज 30-32 किलोमीटर प्रतिदिन औसतन राष्ट्रीय राजमार्ग रोज बन रहा है। 2014 तक सिर्फ 92-93 किलोमीटर का हाईस्पीड कॉरिडोर था। 11 साल में 2,474 किमी हाईस्पीड कॉरिडोर बनाए हैं। आज देश में कोई गांव ऐसा नहीं है, जो किसी राष्ट्रीय राजमार्ग से 100 किमी से ज्यादा दूर हो।
सवाल - दिल्ली को जाम मुक्त करने के लिए क्या कर रहे?
जवाब - 11 साल पहले तक जब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे नहीं बना था, तब गाजीपुर से निजामुद्दीन और सरायकाले खां तक आने में 45 मिनट लगते थे। आज सरायकाले खां से दिल्ली-यूपी बॉर्डर तक पहुंचने में 7-8 मिनट लगते हैं। एयरपोर्ट जाने में धौलाकुआं पर घंटेभर जाम में फंसते थे। वहां के सर्कल को सिग्नल और जाम फ्री किया। आज पांच मिनट में धौलाकुआं क्रॉस हो जाता है। एम्स के सर्कल का जाम खत्म हुआ। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे 207 किलोमीटर बनकर तैयार है। जल्द ही मोदी जी और गडकरी जी के नेतृत्व में जनता को सुपुर्द कर देंगे।
सवाल - PM मोदी ने हाल में UER-2 लोकार्पित किया है। इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब - ये दिल्ली की तीसरी रिंग रोड मानी जा रही है, जो लगभग 75 किलोमीटर है। किसी को हरियाणा से दिल्ली में आना है, इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर जाना है, तो डेढ़ से दो घंटे लगते थे। सिंघु बॉर्डर से एंट्री करने के बाद मुकरबा चौक, पीरागढ़ी, रोहिणी से होते हुए एयरपोर्ट तक पहुंचते थे। आज UER-2 बनने से अलीपुर से अधिकतम 40 मिनट में बगैर रेड लाइट और परेशानी के एयरपोर्ट तक पहुंच सकते हैं। समय और पैसा बचता है। दिल्ली के अंदर गैर जरूरी ट्रैफिक भी नहीं आएगा जिससे पलूशन भी कम होगा।
सवाल - UER-2 पर लगने वाले टोल से स्थानीय लोग नाराज हैं। इसका क्या समाधान निकालेंगे?
जवाब - 15 अगस्त से पूरे देश की पॉलिसी लागू हुई है। किसी भी टोल पर 20 किमी दायरे के निवासियों को सिर्फ 350 रुपये का पास बनवाना होगा। फिर महीनेभर तक कितनी भी बार टोल क्रॉस कर सकते हैं। ये बहुत सस्ता है। 20 किमी के दायरे में दिल्ली के लगभग गांव कवर हो जाएंगे। वैसे भी जो लोग हाइवे के किनारे रहते हैं, जिनकी जमीन पर सड़क बनी है, उन्हें चार गुना मुआवजा मिला है। जमीन की कीमत कई गुना बढ़ गई है। एक लाख रुपये की जमीन 20 से 25 लाख रुपये की हो गई है। ये भी समझना होगा। फिर भी बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास जारी है। हाइवे पर तो टोल पेमेंट करके ही जाना है। ये देश के कानून के मुताबिक है। कोशिश है कि सर्विस रोड बना दी जाए।
सवाल - कटरा-अमृतसर-दिल्ली एक्सप्रेस वे कब तक तैयार होगा?
जवाब - जल्द तैयार होगा। हरियाणा का हिस्सा पूरा हो गया है। पंजाब की सरकार ठीक से काम नहीं करने दे रही है। इससे वहां सिर्फ 25 प्रतिशत काम हो पाया है। पंजाब के आगे भी 75 से 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। अभी दिल्ली से कटरा पहुंचने में 15 से 16 घंटे लगते हैं। एक्सप्रेस वे बनने पर सफर 7 से 8 घंटे का रह जाएगा।
सवाल - सड़क सुरक्षा पर मंत्रालय क्या कुछ कर रहा है?
जवाब - पूरे देश में 14 हजार ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए हैं, जहां पर दुर्घटनाएं और डेथ रेट ज्यादा होते हैं। इन पर काम हो रहा है। जहां तीव्र मोड़ हैं, उन्हें खत्म करके सीधा किया गया है। जहां ट्रैफिक को धीमा करने की जरूरत है, उस पर भी काम कर रहे है। कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम शुरू की है। नैशनल हाइवे पर कोई मोटर वीइकल एक्सिडेंट होता है, तो घायल का डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज या सात दिनों तक का हॉस्पिटलाइजेशन सरकार फ्री कराएगी। रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता शिविर लगते रहते हैं। हर टोल पर एंबुलेंस की व्यवस्था है। सेंट्रलाइज्ड टेलिफोन नंबर 1033 के कॉल सेंटर उपलब्ध हैं। तुरंत एंबुलेंस पास के बड़े अस्पताल में भर्ती कराते हैं।
सवाल - ट्रांसपोर्टर्स की लंबी मांग है कि ट्रक चालकों और हेल्पर्स के लिए राजमार्गों पर बढ़िया रेस्ट रूम नहीं?
जवाब - दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस समेत कई हाइवे पर प्रत्येक 100 किमी की दूरी पर दोनों ओर इसकी व्यवस्था की है। वहां ट्रांसपोर्टर्स के ड्राइवर्स, हेल्पर्स के लिए डोरमेट्री की सुंदर व्यवस्था है। नहाने, शौचालय और ढाबे के बढ़िया खाने की व्यवस्था है। मॉडर्न भोजन की भी व्यवस्था है। मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध है। मनोरंजन के लिए टीवी और कपड़े धोने की भी व्यवस्था है। मंत्रालय तो यह चाहता है कि ड्राइवर 8-9 घंटे से ज्यादा ड्राइव नहीं करें। ये हर बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यवस्था हो रही है।
सवाल - दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे कब तक खुल सकेगा। इसमें क्यों देरी हो रही है?
जवाब - कोई देरी नहीं है, मगर कई कारणों से रुकावट आ जाती है। अब बाढ़ की स्थिति है, तो थोड़ा काम रुक गया है। सहारनपुर के पास महीनेभर का काम बाकी है। सहारनपुर से आगे और बागपत तक का रोड बन गया है।
n खजूरी चौक पर ट्रैफिक जाम रहता है। NHAI की ओर से सड़क बनाने से प्रॉब्लम आई है?
NHAI ने एलिवेटेड सड़क बनाई है। उसका वहां के नाले से कोई मतलब भी नहीं है। नीचे की सड़क को भी वन टाइम मेंटेन करके स्थानीय एजेंसी को देंगे। इसके लिए भी NHAI ने 19 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग को दे दिए हैं। वो सड़क बनाएंगे। खजूरी चौक पर ट्रैफिक स्मूद करने का भी प्लान बनाया है। एक लालबत्ती लगेगी। जहां इतने बड़े विकास कार्य होते हैं, तो थोड़ा दिक्कत आती है। कभी घंटेभर का जाम लगता था, आज 15 मिनट का जाम लगता है। ये भी नहीं लगना चाहिए।
सवाल - पूर्वी दिल्ली में तीन बड़े बाजार गांधी नगर, कृष्णा नगर और लक्ष्मीनगर में पार्किंग समस्या कैसे दूर होगी?
जवाब - पार्किंग का काम दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली सरकार भी करती है। पूरे देश में नैशनल हाइवे या एलिवेटिड रोड के नीचे पार्किंग को परमिशन नहीं है मगर गांधी नगर मार्केट चूंकि एशिया की रेडिमेड कपड़ों की बड़ी मार्केट है, इसलिए यहां एलिवेटिड रोड के नीचे बैरिकेड करके 1 हजार कार और 1 हजार दोपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था कर रहे हैं। इसका प्लान NHAI का एक विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) करेगा। वो जल्द टेंडर फ्लोट करेगा। वहां कंप्यूटराइज्ड और ऑटोमेटेड पार्किंग होगी। शौचालय होंगे।
सवाल - दिल्ली के डीकंजेशन के लिए क्या काम कर रहे?
जवाब - केंद्र सरकार की कोशिश है कि दिल्ली में ट्रैफिक स्मूद हो जाए। 8 महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी ने डीकंजेशन प्लान घोषित किया था। गुरुग्राम से दिल्ली आने एक से डेढ़ घंटा लगता था। इसे खत्म करने के लिए शिवमूर्ति से वसंतकुंज नेल्सन मंडेला मार्ग तक अंडरग्राउंड टनल बनाने का प्लान बनाया है, जो 5 किमी का होगा। अब घंटेभर की जगह 15 से 20 मिनट में रास्ता तय हो जाएगा। कटरा-अमृतसर-दिल्ली हाईवे पर बड़ा ट्रैफिक आने वाला है, जो ईस्टर्न पेरिफेरल से जुड़ेगा। ईस्टर्न पेरिफेरल रोड से एयरपोर्ट आने जाने वालों को UER-2 के बीच हाईवे बनाने वाले हैं। इससे दिल्ली में गैर जरूरी ट्रैफिक नहीं आएगा। एक्टेंशन सड़क बनेगी। सोनीपत से आने वाले को देहरादून जाना है, तो अक्षरधाम आने की जरूरत नहीं होगी। अलीपुर से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के लिए UER-2 से अलग एक्सटेंशन सड़क बनेगी। ये ट्रॉनिका सिटी तक जाएगा। दूसरी ओर ट्रॉनिका सिटी से नोएडा तक गाजियाबाद होते हुए सड़क बना रहे हैं। उन्हें दिल्ली नहीं आना होगा। उसे फरीदाबाद के आउटर रोड से जोड़ेंगे। वो सोहना होते हुए मुंबई एक्सप्रेस वे तक जाएगा। ये बिना रेड लाइट और बिना ब्रेक होगा। डीएनडी से किसी को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे जाना है, तो उसके लिए भी सड़क तैयार हो रही है। यमुना पर एक अलग ब्रिज तैयार हो रहा है। पूर्वी दिल्ली के व्यक्ति को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे जाने वालों को धौलाकुआं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें सिर्फ 40 से 45 मिनट लगेगा।
सवाल - कालिंदी कुंज के जाम का समाधान कब होगा?
जवाब - वहां धौलाकुआं और एम्स की तरह सर्कल बना रहे हैं। इस पर काम शुरू हो गया है।
सवाल - दिल्ली सरकार के काम को कैसे आंकते हैं?
जवाब - रेखा गुप्ता की सरकार अच्छा काम कर रही है। 11 साल में एक ईट तक ठीक से नहीं लगी। रेखा सरकार ने आते ही पीने की पाइप लाइन को ठीक कराया है। इस बार जबरदस्त बारिश हुई है। हर जगह पानी दिख रहा है, मगर दिल्ली में बड़ा जलभराव देखने को नहीं मिल रहा। जहां भी पानी भरा है, वहां कुछ ही देर में निकल रहा है। मिंटो ब्रिज भी इस बार नहीं डूबा। मॉनसून से पहले ही नाले, सीवर की सफाई हुई है।
मंत्रालय के बड़े काम
- अटल टनल बनने से मनाली-लेह के बीच ऑल वेदर कनेक्टिविटी हुई है। पांच घंटे का ट्रैवल टाइम कम हुआ है।
- असाम और अरुणाचल प्रदेश के बीच में धुइया सादिया ब्रिज बना है। असम से अरुणाचल पहुंचने में जहां 6 घंटे लगते थे, अब एक घंटे में पहुंच सकते हैं। ये सेनाओं के मूवमेंट के लिए भी अहम है।
- श्रीनगर से करगिल तक भी जेड मोड़ टनल बनकर तैयार है, जो ऑल वेदर है। पहले सिर्फ चार महीने करगिल से कश्मीर जुड़ा रहता था। अब 12 महीने जुड़ा रहेगा।
- उधमपुर और श्रीनगर के बीच चेनानी नाशरी सुरंग बनाई है। इसमें 2 घंटे का सफर 10 मिनट का हो गया है।
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