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असम में भी शुरू हो गई प्री SIR प्रक्रिया, 7 अक्तूबर तक काम पूरा करने के आदेश

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गुवाहाटी: असम में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को पूरी तरह दुरुस्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए राज्य में एक विशेष मतदाता मैपिंग अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य है मतदाता सूची में दर्ज नामों का 2005 की सूची से मिलान करना, ताकि पुराने मतदाताओं की पहचान की जा सके, जनसंख्या में आए बदलावों को समझा जा सके और यदि कोई गलती है तो उसे समय रहते सुधारा जा सके।





हर मतदाता को चिन्हित करके सही श्रेणी में रखा जाएगा


2005 में आखिरी बार राज्य में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची का गहन संशोधन किया गया था। इस बार 2023 में हुए परिसीमन के बाद यह कदम और भी अहम हो गया है, क्योंकि परिसीमन में राज्य की सभी 126 विधानसभा सीटों की सीमाएं बदल दी गई थीं। ऐसे में चुनाव आयोग चाहता है कि नई सीमाओं के अनुसार मतदाता सूची पूरी तरह से सटीक और भरोसेमंद बने। इस अभियान में बूथ लेवल ऑफिसरों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। BLO को निर्देश दिया गया है कि वे सभी मतदाताओं को चार अलग-अलग समूहों में बांटें। यह वर्गीकरण मतदाता के जन्म वर्ष और 2005 की मतदाता सूची में उनकी उपस्थिति के आधार पर किया जाएगा। इस प्रक्रिया के जरिए हर मतदाता को चिन्हित करके सही श्रेणी में रखा जाएगा।







विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश


मतदाता सूची में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए BLO को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें मतदाताओं की उम्र और घर के पते में दर्ज जानकारी को बारीकी से जांचना होगा। पड़ोसी प्रविष्टियों और परिवार के अन्य सदस्यों के नामों से मिलान करके मतदाता की पहचान सुनिश्चित करनी होगी। अगर कोई प्रविष्टि संदिग्ध लगती है या जानकारी मेल नहीं खाती है, तो उसे तुरंत दोबारा जांच के लिए भेजना होगा।



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