Indian Students OPT Rules: अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए राहें मुश्किल बनाई जा रही हैं। देश के बहुत सारे नेता ऐसे हैं, जिन्होंने मांग की है कि विदेशी छात्रों को मिलने वाले 'ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग' ( OPT) को खत्म किया जाए। हालांकि, ज्यादातर अमेरिका नेता इस बात से वाकिफ नहीं हैं कि OPT की वजह से ही भारतीयों समेत विदेशी छात्र अमेरिका में पढ़ने जाते हैं। अमेरिका में डिग्री मिलने के बाद OPT के जरिए विदेशी छात्र एक साल तक जॉब कर पाते हैं। STEM OPT तीन साल के लिए है।
इंस्टीट्यूट फॉर प्रोग्रेस और NAFSA ने मिलकर एक सर्वे किया है। इसमें विदेशी स्टूडेंट्स से OPT को लेकर सवाल-जवाब किए गए हैं। इस सर्वे में पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स और पोस्ट डॉक्टरल फेलो शामिल हैं, जो अमेरिका में F-1 या J-1 वीजा पर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। सर्वे से मालूम चला कि OPT की वजह से विदेशी स्टूडेंट्स के भविष्य के फैसले किस तरह से बदल सकते हैं। ज्वाइंट सर्वे का हिस्सा बने 1,039 स्टूडेंट्स प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटीज में अपनी डिग्री हासिल कर रहे हैं।
सर्वे में क्या सामने आया?
ज्वाइंट सर्वे में स्टूडेंट्स से पूछा गया कि अगर OPT खत्म हो जाता है, तो आप क्या करते? इसके जवाब में 54% छात्रों ने कहा कि अगर OPT प्रोग्राम खत्म हो गया होता, तो फिर वे अमेरिका में एडमिशन ही नहीं लेते। इस सर्वे से मालूम चला कि अमेरिका में पढ़ने के लिए OPT एक प्रमुख फैक्टर रहा है, जिसके आधार पर ही स्टूडेंट्स ने इस देश को पढ़ने के लिए चुना है। ज्यादा स्टूडेंट्स डिग्री के बाद यहां जॉब करना चाहते हैं।
आधे से ज्यादा मास्टर्स स्टूडेंट्स, जो वैसे तो अमेरिका में रहने की प्लानिंग कर रहे हैं, लेकिन अगर OPT खत्म कर दिया जाता है, तो फिर वे इस फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। 57% स्टूडेंट्स ने कहा कि OPT के बिना उनके रुकने की संभावना कम ही होगी। पीएचडी छात्रों में से 49% ने कहा कि बिना OPT के वे अपनी योजना बदल देंगे। पोस्ट डॉक्टरल छात्रों में से, 33% ने कहा कि वे अमेरिका में रहने को लेकर अपना इरादा बदल देंगे।
भारत से अमेरिका पढ़ने जाने वाले ज्यादातर भारतीय इस देश को इसलिए ही चुनने हैं, क्योंकि उन्हीं डिग्री के बाद जॉब की इजाजत मिलती है। अधिकतर भारतीय साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) से जुड़ी फील्ड में डिग्री लेते हैं, जिस वजह से उन्हें STEM OPT पर तीन साल तक जॉब की इजाजत मिल जाती है।
इंस्टीट्यूट फॉर प्रोग्रेस और NAFSA ने मिलकर एक सर्वे किया है। इसमें विदेशी स्टूडेंट्स से OPT को लेकर सवाल-जवाब किए गए हैं। इस सर्वे में पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स और पोस्ट डॉक्टरल फेलो शामिल हैं, जो अमेरिका में F-1 या J-1 वीजा पर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। सर्वे से मालूम चला कि OPT की वजह से विदेशी स्टूडेंट्स के भविष्य के फैसले किस तरह से बदल सकते हैं। ज्वाइंट सर्वे का हिस्सा बने 1,039 स्टूडेंट्स प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटीज में अपनी डिग्री हासिल कर रहे हैं।
सर्वे में क्या सामने आया?
ज्वाइंट सर्वे में स्टूडेंट्स से पूछा गया कि अगर OPT खत्म हो जाता है, तो आप क्या करते? इसके जवाब में 54% छात्रों ने कहा कि अगर OPT प्रोग्राम खत्म हो गया होता, तो फिर वे अमेरिका में एडमिशन ही नहीं लेते। इस सर्वे से मालूम चला कि अमेरिका में पढ़ने के लिए OPT एक प्रमुख फैक्टर रहा है, जिसके आधार पर ही स्टूडेंट्स ने इस देश को पढ़ने के लिए चुना है। ज्यादा स्टूडेंट्स डिग्री के बाद यहां जॉब करना चाहते हैं।
आधे से ज्यादा मास्टर्स स्टूडेंट्स, जो वैसे तो अमेरिका में रहने की प्लानिंग कर रहे हैं, लेकिन अगर OPT खत्म कर दिया जाता है, तो फिर वे इस फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। 57% स्टूडेंट्स ने कहा कि OPT के बिना उनके रुकने की संभावना कम ही होगी। पीएचडी छात्रों में से 49% ने कहा कि बिना OPT के वे अपनी योजना बदल देंगे। पोस्ट डॉक्टरल छात्रों में से, 33% ने कहा कि वे अमेरिका में रहने को लेकर अपना इरादा बदल देंगे।
भारत से अमेरिका पढ़ने जाने वाले ज्यादातर भारतीय इस देश को इसलिए ही चुनने हैं, क्योंकि उन्हीं डिग्री के बाद जॉब की इजाजत मिलती है। अधिकतर भारतीय साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) से जुड़ी फील्ड में डिग्री लेते हैं, जिस वजह से उन्हें STEM OPT पर तीन साल तक जॉब की इजाजत मिल जाती है।
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