Next Story
Newszop

चाणक्य नीति : दोस्त सच्चा है या मतलबी, चाणक्य नीति के इस सूत्र से करें पहचान

Send Push
Chankya Neeti About a True Friend : चाणक्य नीति ज्ञान का ऐसा संग्रह है, जिसमें जीवन, राजनीति, प्रशासन, समाज, स्त्री, मित्रता, शत्रु, शिक्षा, धन, धर्म आदि से जुड़ी नीतियों और विचारों को बड़े अच्‍छे ढंग से लिखा गया है। यह नीति शास्त्र हमें यह सिखाता है कि किस प्रकार से एक व्यक्ति अपने जीवन को सफल, सुरक्षित और प्रभावी बना सकता है। आज हम बात करने जा रहे हैं चाणक्य नीति में दिए गए ऐसे ही एक श्‍लोक के बारे में, जिसके माध्‍यम से यह बताया गया है कि आप अच्‍छे और सच्‍चे दोस्‍त की पहचान कैसे करें। उन्‍होंने इस श्‍लोक में बताया है कि अगर इन 6 परिस्थितियों में भी कोई व्‍यक्ति आपके साथ खड़ा रहे तो समझ लीजिए कि वह आपका सच्‍चा मित्र है। तो आइए जानते कौन सा है चाणक्‍य नीति का वह श्‍लोक और साथ ही जानते हैं कौन सी हैं वे खास परिस्थितियां जिनमें होती है असली मित्र की पहचान। आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रु-संकटे। राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः ।। अर्थ : किसी रोग से पीड़ित होने पर, दुख आने पर, अकाल पड़ने पर, शत्रु की ओर से संकट आने पर, राज सभा में, श्मशान अथवा किसी की मृत्यु के समय जो व्यक्ति साथ नहीं छोड़ता, वास्तव में वही सच्चा बन्धु और मित्र माना जाता है। चाणक्य नीति के इस श्‍लोक को अगर हम समझने का प्रयास करें तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति के रोग शय्या पर पड़े होने अथवा दुखी होने, अकाल पड़ने और शत्रु द्वारा किसी भी प्रकार का संकट पैदा होने, किसी मुकदमे आदि में फंस जाने और मरने पर जो व्यक्ति श्मशान घाट तक साथ देता है, वही सच्‍चा मित्र होता है। इस श्‍लोक के माध्‍यम से उन्‍होंने यह बताने का प्रयास किया है कि अगर आपका कोई मित्र वाकई में आपको दिल से मानता है कि तो वह इन विषम परिस्थितियों में भी आपका साथ कभी नहीं छोड़ेगा। ये अवसर ऐसे होते हैं जब लोगों को मदद की जरूरत होती है। जो लोग ऐसे वक्‍त में किसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं, सच्‍चा मित्र कहलाने योग्‍य वही होते हैं।
Loving Newspoint? Download the app now