गर्मियों का मौसम आमतौर पर पसीने से तरबतर कर देने वाला होता है। शरीर का तापमान नियंत्रित रखने में पसीना बेहद अहम भूमिका निभाता है। लेकिन कुछ लोगों को, चाहे जितनी भी गर्मी क्यों न हो, पसीना बहुत कम आता है या बिल्कुल नहीं आता। यह सुनने में सामान्य लग सकता है, लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि यह किसी गंभीर अंतर्निहित बीमारी का संकेत हो सकता है।
यह स्थिति सामान्य नहीं है, और इसे नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि गर्मी में पसीना कम आना किन कारणों से होता है, इसके क्या जोखिम हैं, और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या है यह स्थिति?
गर्मी में पसीना न आना या बहुत कम आना एक मेडिकल स्थिति है जिसे “हाइपोहाइड्रोसिस” (Hypohidrosis) या “एन्हाइड्रोसिस” (Anhidrosis) कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर के स्वेट ग्लैंड्स यानी पसीना निकालने वाली ग्रंथियाँ ठीक से काम नहीं कर पातीं।
एम्स के त्वचा विशेषज्ञ बताते हैं, “पसीना न आना, शरीर के अंदरूनी तापमान को बढ़ा सकता है। इससे हीट स्ट्रोक तक हो सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।”
पसीना कम आने के मुख्य कारण
1. नर्व सिस्टम में गड़बड़ी
स्वेट ग्लैंड्स को नियंत्रित करने वाला सिस्टम हमारा ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम है। यदि यह सही से काम न करे, तो पसीना रुक सकता है। यह डायबिटिक न्यूरोपैथी, पार्किंसन, या ऑटोनॉमिक डिसफंक्शन जैसी स्थितियों में हो सकता है।
2. त्वचा संबंधी रोग
कुछ स्किन कंडीशंस जैसे इच्थायोसिस (Ichthyosis) या जलन के बाद बनी दागदार त्वचा (scar tissue) भी पसीने की ग्रंथियों को प्रभावित कर सकती हैं। इससे संबंधित हिस्से में पसीना आना बंद हो जाता है।
3. दवाओं का साइड इफेक्ट
कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीहिस्टामिन्स, बीटा ब्लॉकर्स और एंटीडिप्रेसेंट्स, पसीना कम कर सकती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन करने से यह जोखिम बढ़ सकता है।
4. डिहाइड्रेशन
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और शरीर पसीना निकालने की क्रिया को धीमा कर देता है। कई बार लोग खुद ही पानी की कमी से पसीना न आने की शिकायत करते हैं।
5. जेनेटिक डिसऑर्डर
कुछ दुर्लभ आनुवंशिक स्थितियाँ जैसे कि हाइपोहाइड्रोटिक एक्टोडर्मल डिसप्लासिया (Hypohidrotic Ectodermal Dysplasia) में जन्म से ही पसीना नहीं आता।
क्या हैं इसके खतरे?
हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है, क्योंकि शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता।
बेहोशी या थकावट जैसी स्थिति आ सकती है।
शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव बढ़ सकता है।
त्वचा पर सूखापन, जलन या खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
यदि आपको गर्मी में भी पसीना नहीं आता, या अचानक पसीना आना बंद हो गया है, साथ ही आपको चक्कर, थकान, त्वचा में गर्माहट या सिरदर्द महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डर्मेटोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट ऐसे मामलों में सही निदान में मदद कर सकते हैं।
बचाव और देखभाल कैसे करें?
दिन भर पर्याप्त पानी पीएं,
ढीले और सूती कपड़े पहनें,
सीधी धूप से बचें,
नियमित रूप से त्वचा की सफाई और मॉइस्चराइजिंग करें,
दवाओं के सेवन से पहले डॉक्टर की राय लें।
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