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तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' का आगाज़ आज से, जानिए कितने दिन चलेगी और किन जिलों से गुजरेगी

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बिहार की सियासत एक बार फिर गर्माने जा रही है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव आज से ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की शुरुआत कर रहे हैं। इस यात्रा का मकसद है – जनता के बीच जाकर सरकार की नीतियों की असलियत बताना और RJD की सामाजिक व विकासपरक नीति को जनता के सामने पेश करना।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा न सिर्फ आगामी विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी का हिस्सा है, बल्कि यह तेजस्वी यादव के नेतृत्व कौशल और जनसंपर्क की परीक्षा भी मानी जा रही है।

कहां से होगी शुरुआत?

‘बिहार अधिकार यात्रा’ का शुभारंभ आज (16 सितंबर) को पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा से हो रहा है। यात्रा का आगाज़ एक विशाल जनसभा से किया जाएगा, जिसमें तेजस्वी यादव जनसमूह को संबोधित करेंगे।

कितने दिन चलेगी यह यात्रा?

RJD सूत्रों के मुताबिक, यह यात्रा लगभग एक महीने तक चलेगी और इसमें तेजस्वी यादव बिहार के 30 से अधिक जिलों का दौरा करेंगे। यात्रा का समापन पटना में एक भव्य रैली के साथ होने की संभावना है, जिसकी तारीख जल्द घोषित की जाएगी।

किन जिलों से गुजरेगी यात्रा?

यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव चंपारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, गया, नवादा, औरंगाबाद जैसे जिलों का दौरा करेंगे।

इस दौरान वे किसानों, युवाओं, बेरोज़गारों, शिक्षकों और आम जनता से सीधे संवाद करेंगे। तेजस्वी के अनुसार, यह यात्रा “धरती से दिल्ली तक की लड़ाई की नींव” रखेगी।

क्या है यात्रा का उद्देश्य?

तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है:

एनडीए सरकार की नाकामियों को उजागर करना

बेरोज़गारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों को उठाना

RJD की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार करना

राज्य के हर वर्ग से सीधा संवाद स्थापित करना

तेजस्वी ने कहा,

“जनता का अधिकार छीनने वाली सरकार को जवाब देने का वक्त आ गया है। अब सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ी जाएगी।”

राजनीतिक रणनीति के संकेत

विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा से तेजस्वी यादव आगामी विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करना चाहते हैं। यह यात्रा उन्हें जमीनी समर्थन की ताकत आंकने और संगठन को सक्रिय करने का भी मौका देगी।

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