बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गाँव कुबौली राम से निकलकर वैश्विक बाज़ार तक पहुंचने वाली TirhutWala.com की कहानी आज देशभर के ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। हाल ही में Business Sandesh में प्रकाशित एक विशेष इंटरव्यू में संस्थापक अभिनव झा ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने स्थानीय अनुभवों को एक वैश्विक ब्रांड में बदलने का संकल्प लिया।
अभिनव झा का कहना है कि TirhutWala.com की प्रेरणा उनकी अपनी जड़ों से आई। उन्होंने देखा कि बिहार जैसे राज्य में किसान उच्च गुणवत्ता वाला मखाना और अन्य कृषि उत्पाद तो पैदा करते हैं, लेकिन उन्हें न तो ब्रांडिंग की सुविधा मिलती है, न ही बाज़ार तक पहुंच। इसी समस्या को हल करने के लिए उन्होंने एक टेक-आधारित D2C (Direct-to-Consumer) प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया, जो किसानों और ग्राहकों के बीच की दूरी को खत्म करता है।
TirhutWala.com आज न केवल मखाना के विविध फ्लेवर (12+ वैरायटी) में उत्पाद बेचता है, बल्कि प्लांट-बेस्ड प्रोटीन पाउडर (Advita), मखाना चॉकलेट्स, स्मूदी पाउडर और खीर मिक्स जैसे हेल्दी सुपरफूड्स भी उपलब्ध कराता है। अभिनव ने बताया कि अक्टूबर 2024 में लॉन्च होने के बाद से कंपनी ने 9 देशों में निर्यात शुरू कर दिया है और 50+ ब्रांड्स के साथ साझेदारी की है।
ब्रांड का नाम ‘Tirhut’ उत्तर बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है और इसे स्थानीय पहचान से जोड़ता है। अभिनव कहते हैं कि उन्होंने स्थानीय युवाओं को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित किया, जिससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े, बल्कि ग्राम्य प्रतिभाओं को वैश्विक मंच पर लाने का मौका भी मिला। वे सोशल मीडिया, SEO, WhatsApp चैनलों और अपनी वेबसाइट्स (TirhutWala.com और Biharo.com) के माध्यम से Tier-2 और Tier-3 शहरों में ग्राहकों तक पहुँच बना रहे हैं।
सिर्फ आर्थिक ही नहीं, TirhutWala सामाजिक दृष्टिकोण से भी प्रभावशाली बदलाव ला रहा है। कंपनी की पूरी सप्लाई चेन में स्थानीय किसान, महिलाएं और ग्रामीण उद्यमी शामिल हैं। वे किसानों को प्रशिक्षण भी देते हैं और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं को मेंटरशिप प्रदान करते हैं। अभिनव का मानना है कि यह मॉडल “लोकल टू ग्लोबल” का वास्तविक उदाहरण है।
Business Sandesh के इंटरव्यू में उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें शुरुआती दौर में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, लॉजिस्टिक्स की चुनौतियां, और सीमित संसाधनों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हर कठिनाई को सीख और अवसर में बदला। उन्होंने बूटस्ट्रैप तरीके से फंडिंग जुटाई, अपनी कमाई का पुनर्निवेश किया और ब्रांड स्टोरीटेलिंग के ज़रिए ग्राहक विश्वास जीता।
जब उनसे पूछा गया कि सफलता का अर्थ उनके लिए क्या है, तो उनका जवाब था — “सफलता वो है जो दूसरों को भी ऊपर उठाए और यह साबित करे कि एक छोटा सा गाँव भी वैश्विक बाज़ार को आकार दे सकता है।”
उन्होंने सरकार और निवेशकों से अपील की कि वे ग्रामीण स्टार्टअप्स के लिए आसान लोन, मेंटोरशिप, और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट प्रदान करें ताकि बिहार जैसे राज्य भारत की अगली स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व कर सकें।
TirhutWala का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में यह ब्रांड भारत का अग्रणी FMCG ब्रांड बने और 50 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए। इस प्रेरणादायक यात्रा ने यह साबित कर दिया है कि स्थानीय समस्याओं का समाधान करने वाला इनोवेशन वैश्विक स्तर पर भी प्रासंगिक हो सकता है।
You may also like
स्टेनोग्राफर को हर महीने मिलता है कितना पैसा, जान लें 8वें वेतन आयोग के बाद कितनी बढ़ेगी सैलरी
DPL 2025: भारत में कब और कहां देखे? टीवी चैनल और लाइव स्ट्रीमिंग की पूरी जानकारी
Rajasthan: एसआई भर्ती परीक्षा, बेनीवाल ने कहा-न हिम्मत टूटी और ना हीं इरादा डगमगाया
Pawan Kalyan की फिल्म 'They Call Him OG' का पहला गाना 'Firestorm' रिलीज़
Eastern Railway Apprentice Recruitment 2025: 3115 रिक्त पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी, यहाँ देखें डिटेल्स