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भीड़-नियंत्रण की कमी ने करूर रैली को बनाया हादसे का मैदान, चश्मदीदों के दर्दनाक बयान

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तमिलनाडु के करूर में शनिवार को तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के अध्यक्ष और अभिनेता विजय की रैली के दौरान मची भगदड़ ने 39 लोगों की जान ले ली। इस घटना को लेकर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने अनुभव साझा किए और आयोजकों की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए।

"स्टार को देखने की बेचैनी ने बढ़ाई अफरा-तफरी"


नंद कुमार नामक चश्मदीद ने बताया कि आयोजन को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई थी। उन्होंने कहा, “विजय के सुबह 11 बजे तक पहुंचने की सूचना पहले ही दे दी गई थी। लेकिन जब वह आए तो बहुत देर हो चुकी थी और भीड़ अनियंत्रित हो गई। हर कोई अपने पसंदीदा स्टार को करीब से देखना चाहता था। कई लोग अपने छोटे बच्चों के साथ आए थे और घंटों भूखे-प्यासे इंतजार कर रहे थे। यह बहुत ही दुखद है।”


कुमार ने आगे कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहद सतर्कता और योजना की आवश्यकता होती है। उनके अनुसार, “भले ही सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए हों, लेकिन जब अपेक्षा से दस गुना ज्यादा लोग पहुंच जाते हैं तो हालात बिगड़ना तय है। यह एक बड़ी चूक थी। मैं प्रार्थना करता हूं कि सरकार पीड़ित परिवारों को न्याय और सहायता दोनों उपलब्ध कराए।”

"एम्बुलेंस तक के लिए रास्ता नहीं था"


दूसरे प्रत्यक्षदर्शी सूर्या ने स्थिति की भयावहता बताते हुए कहा कि भगदड़ के बाद एम्बुलेंस मौके पर फंसी रह गई और घायलों को निकालने में लंबा समय लग गया। उन्होंने बताया कि भीड़ इतनी घनी थी कि लोगों के खड़े होने तक की जगह नहीं थी।

इसी तरह, पीड़ित के रिश्तेदार ज़ाकिर ने कहा, “विजय को सुबह 9 बजे आना था, लेकिन वे समय पर नहीं पहुंचे। इस वजह से वहां पहले से ही भारी भीड़ जमा हो गई थी। खासकर थिरुकोइलुरे से आए युवाओं और महिलाओं की बड़ी संख्या मौजूद थी। ऐसी भीड़भाड़ वाली रैली में महिलाओं और बच्चों को साथ लाना खतरनाक साबित होता है। यह सब देखना बेहद पीड़ादायक था।” चश्मदीदों ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोजकों को बड़े पैमाने पर भीड़ जुटने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उचित सुरक्षा और भीड़-नियंत्रण उपाय करने चाहिए थे। उनका मानना है कि यह त्रासदी बेहतर योजना और समय पर कार्रवाई से टाली जा सकती थी।

घायलों का इलाज जारी, मृतकों को श्रद्धांजलि

आपको बता दे, फिलहाल 51 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और ICU में उनका इलाज चल रहा है। सीएम स्टालिन ने कहा, “मैं भारी दिल से उन सभी दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने इस दुर्घटना में अपनी जान गंवाई।” उन्होंने घोषणा की कि मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, वहीं घायलों को एक-एक लाख रुपये का मुआवज़ा मिलेगा।

जांच आयोग का गठन


सीएम स्टालिन ने साफ किया कि घटना की गहन पड़ताल के लिए हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाया जाएगा। उनके अनुसार, “जांच से सभी तथ्यों का खुलासा होगा और उसके बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह विषय राजनीति से परे है और इसे पूरी पारदर्शिता के साथ देखा जाएगा।” मुख्यमंत्री ने खुद बताया कि घटना के समय वे कहाँ थे। उन्होंने कहा, “करीब शाम 7:45 बजे मैं चेन्नई में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा था। तभी करूर हादसे की जानकारी मिली। मैंने तुरंत पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी से संपर्क साधा और उन्हें स्थिति की जानकारी लेने और अस्पताल जाने का निर्देश दिया। बाद में जब मृतकों की संख्या बढ़ने की खबर आई तो मैंने पास के मंत्रियों को तुरंत करूर रवाना होने को कहा।”

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