जयपुर ग्रामीण के मनोहरपुर थाना क्षेत्र से शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। मजदूरों से भरी एक बस अचानक 11,000 वोल्ट की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई, जिससे बस में आग लग गई। इस भयावह घटना में दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब दस से बारह लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
शाहपुरा थानाधिकारी हेमराज के अनुसार, घटना इतनी अचानक हुई कि किसी को बचने का मौका ही नहीं मिला। घायलों में से पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि चार अन्य का इलाज शाहपुरा के उपजिला अस्पताल में चल रहा है।
यूपी के बरेली से आए थे सभी मजदूर
पुलिस जांच में पता चला कि बस में सवार सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के रहने वाले थे। ये लोग मनोहरपुर के टोडी गांव स्थित एक ईंट भट्टे में काम करने आए थे। हादसा तब हुआ जब टोडी गांव के पास अचानक 11 हजार वोल्ट की तार टूटकर बस पर गिर पड़ी, जिससे बस में करंट फैल गया और आग भड़क उठी। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
दो मृतकों की पहचान 50 वर्षीय नसीम और उनकी 20 वर्षीय बेटी सहीनम के रूप में हुई है। दोनों का शव पुलिस ने मोर्चरी में रखवा दिया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
घायलों की पहचान और स्थिति
जयपुर रेफर किए गए पांच घायलों में तीन महिलाएं — नजमा, सितारा और नहीम शामिल हैं। अन्य दो घायलों के नाम अजर और अल्ताफ बताए गए हैं। इसके अलावा शाहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चंदा नामक महिला का इलाज चल रहा है, जिसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
डिप्टी सीएम ने दिए बेहतर इलाज के निर्देश
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि सभी घायलों को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराया जाए। बैरवा ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
हादसे की जांच होगी, दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत
राजस्थान के स्कूली शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने एनडीटीवी राजस्थान से बातचीत में कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा कि हादसे की विस्तृत जांच कराई जाएगी और इसमें लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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