By Jitendra Jangid- दोस्तो आत्मा की मुक्ति पाकर स्वर्ग में जगह पाने का सपना कई दुनिया का हर इंसान देखता हैं, जिसका वर्णन हर ग्रंथ में दिया गया है, ऐसे में बात करें गरुड़ पुराण की तो य़े हिंदुओं के लिए एक पवित्र ग्रंथ हैं, यह न केवल जीवन-मृत्यु के चक्र की व्याख्या करता है, बल्कि शरीर त्यागने के बाद आत्मा के अगले जन्म तक के सफ़र का भी विस्तार से वर्णन करता है।
इसकी एक प्रमुख शिक्षा यह है कि स्वर्ग या नर्क जाने का निर्णय व्यक्ति के कर्मों पर आधारित होता है। यदि कोई स्वर्ग प्राप्त करना चाहता है, आइए, गरुड़ पुराण के अनुसार, उन गुणों और कर्मों पर एक नज़र डालें जो व्यक्ति को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं-

बुज़ुर्गों का सम्मान
जो व्यक्ति बड़ों का सम्मान और सेवा करता है, वह जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पूरा करता है।
ऐसे व्यक्ति अपनी विनम्रता और कृतज्ञता से स्वर्ग में स्थान प्राप्त करते हैं।
अच्छे कर्म करना
जो लोग स्वयं को सद्कर्मों के लिए समर्पित करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
दूसरों की मदद करना
ज़रूरत के समय मदद करना सबसे पवित्र कर्मों में से एक माना जाता है। दूसरों की मदद करना सीधे स्वर्ग की ओर ले जाने वाला मार्ग बन जाता है।
स्त्रियों का सम्मान
गरुड़ पुराण में स्त्रियों के प्रति आदर और सम्मान दर्शाने पर ज़ोर दिया गया है, जिससे स्वर्ग में स्थान सुनिश्चित होता है।
नरक के लिए अभिशप्त लोग

जो लोग स्त्रियों को परेशान या प्रताड़ित करते हैं, दूसरों को नुकसान पहुँचाते हैं, या शारीरिक और मानसिक पीड़ा पहुँचाते हैं।
जो व्यक्ति गलत, पापपूर्ण और क्रूर कर्म करते हैं, उन्हें नरक में जाना पड़ता है, जहाँ दंड से कोई बच नहीं सकता।
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