New Delhi, 5 सितंबर . शिक्षक दिवस के अवसर पर Friday को दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में दिल्ली सरकार द्वारा ‘शिक्षक महाकुंभ’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता और कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान को रेखांकित किया और उन्हें ‘विकसित भारत’ की नींव बताया.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह उत्सव उन गुरुओं को समर्पित है जो समाज में ज्ञान की ज्योति जलाते हैं. उन्होंने Prime Minister Narendra Modi के ‘2047 तक विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया.
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इसी लक्ष्य को पूरा करने का एक माध्यम है और यह सपना शिक्षकों के दिखाए मार्ग पर चलकर ही पूरा होगा.” उन्होंने दिल्ली के शिक्षा विभाग की सराहना करते हुए कहा कि मैं निःसंदेह कह सकता हूं कि दिल्ली का शिक्षा विभाग सही हाथों में है.
उन्होंने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए देश में बनी वस्तुओं के उपयोग को अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताया और विश्वास जताया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
दिल्ली की Chief Minister रेखा गुप्ता ने कहा कि देश के Prime Minister से लेकर दिल्ली के Chief Minister तक, सभी प्रमुख नेता सरकारी स्कूलों से पढ़े हैं. इस पर उन्होंने कहा, “सरकारी स्कूल में देश का भविष्य पनपता है और इस भविष्य के बीजारोपण का काम हमारे शिक्षक करते हैं.”
वहीं, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने इस आयोजन को सम्मान और संकल्प का दिन बताया. उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम अब केवल कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिल्ली के सभी शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.” उन्होंने इस महाकुंभ को समर्पण, ज्ञान और मूल्यों का संगम बताते हुए शिक्षकों के सामूहिक योगदान का उत्सव करार दिया.
यह आयोजन शिक्षकों के सम्मान के साथ-साथ भविष्य के भारत के निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी के संकल्प के साथ संपन्न हुआ.
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सार्थक/एएस
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