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उपराष्ट्रपति चुनाव में बीआरएस और बीजद के बायकॉट से क्या बदल जाएगा नंबर गेम? जानें आनंद दुबे ने क्या कहा

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Mumbai , 9 सितंबर . उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद में वोटिंग जारी है. इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं. बीजद और बीआरएस ने चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है. दोनों पार्टियों के बायकाट के फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे की प्रतिक्रिया सामने आई है.

आनंद दुबे ने कहा कि उपराष्ट्रपति का चुनाव 2022 में हुआ था, जो सामान्यतः पांच साल में होता है, लेकिन इस बार तीन साल बाद ही चुनाव हो रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब चुनाव हो रहा है तो पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.

यह चुनाव दो विचारधाराओं का है. एक ओर संविधान को मानने वाले हैं, दूसरी ओर तानाशाही और अहंकार को बढ़ावा देने वाले हैं. दुबे ने कहा कि सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और उसी अनुसार मतदान करें. यदि संविधान का सम्मान करना है तो उसके पक्ष में खड़े हों.

उन्होंने कहा कि चुनाव में केवल दो नतीजे होते हैं- जीत या हार. हर उम्मीदवार, चाहे स्वतंत्र ही क्यों न हो, जीतने की सोच के साथ ही मैदान में उतरता है. उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन मजबूत है, हालांकि नंबर विपक्ष के साथ अधिक हैं.

चूंकि मतदान गुप्त है, इसलिए उम्मीद है कि कुछ सांसद अंतरात्मा की आवाज सुनकर समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों ही उम्मीदवार अनुभवी और कड़े प्रतिद्वंद्वी हैं. मतदान चल रहा है और शाम तक नया उपराष्ट्रपति देश को मार्गदर्शन देने के लिए चुन लिया जाएगा.

वहीं राहुल गांधी के मलेशिया दौरे को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार में यात्रा कर जनता का आशीर्वाद लिया. मल्लिकार्जुन खड़गे, के. सी. वेणुगोपाल समेत कांग्रेस नेता विभिन्न दलों से संवाद कर रहे हैं. भाजपा में जैसे Prime Minister मोदी प्रमुख नेता हैं, वैसे ही इंडिया गठबंधन में हर नेता अहम है.

राहुल गांधी फोन पर लगातार संपर्क में रहते हैं और विचार-विमर्श में भाग लेते हैं, इसलिए उनकी अनुपस्थिति से कोई समस्या नहीं होती. वह नेता प्रतिपक्ष हैं और पार्टी पर पूरा नियंत्रण रखते हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन में सभी नेता अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

बीआरएस और बीजद का समर्थन विपक्ष को न मिलने पर आनंद दुबे ने कहा कि चुनाव में सभी दलों से बातचीत स्वाभाविक है, क्योंकि गुप्त मतदान में यह स्पष्ट नहीं होता कि किसने किसे वोट दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर देश हित में मतदान करेंगे.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार विपक्ष को खत्म करना चाहती है. कई दलों से समर्थन मिला है, हालांकि कुछ दल एनडीए या इंडिया गठबंधन से सीधे नहीं जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता में रहने वालों को दबाव का लाभ मिलता है, लेकिन उम्मीद है कि भाजपा से नाराज दल सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देंगे.

प्रतीक्षा/वीसी

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