अगरतला, 20 अप्रैल . दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया उपखंड में भारत-बांग्लादेश सीमा पर रहने वाले ग्रामीणों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बांग्लादेश की ओर कथित तौर पर बनाए गए लगभग 20 फीट ऊंचे नवनिर्मित तटबंध पर गंभीर चिंता जताई है.
इस संरचना ने मानसून के दौरान बाढ़ की नई आशंकाएं पैदा कर दी हैं. स्थानीय निवासियों के अनुसार, सीमा स्तंभों के पास बनाया गया तटबंध मुहूरी नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित कर सकता है, जो त्रिपुरा से बांग्लादेश में बहती है.
उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्माण न केवल अंतरराष्ट्रीय सीमा मानदंडों का उल्लंघन करता है, बल्कि उनके गांवों के लिए भी सीधा खतरा है, जो पिछले साल बड़ी बाढ़ का सामना कर चुके हैं.
पिछले मानसून में सीमावर्ती गांव – बोलमुखा, आईसी नगर, एनसी नगर, सुकांता नगर और आसपास के इलाके – पूरी तरह से जलमग्न हो गए थे, क्योंकि हाल के दशकों में सबसे भयंकर बाढ़ के दौरान भारतीय पक्ष पर तटबंध बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था.
एक निवासी ने कहा, “अगर इस नए तटबंध के कारण पानी नीचे की ओर बहने से रुक जाता है, तो मामूली बारिश भी बाढ़ आपदा को जन्म दे सकती है.”
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की चिंताएं सामने आई हैं. बांग्लादेश द्वारा उनाकोटी जिले के अंतर्गत कैलाशहर में सीमा पर इसी तरह के तटबंध के निर्माण पर पहले भी त्रिपुरा जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई थी, क्योंकि इससे स्थानीय बाढ़ के बढ़ने की संभावना थी.
निवासी और स्थानीय नेता भारतीय अधिकारियों से इस मुद्दे को उठाने और मानसून की बारिश से पहले जान-माल की सुरक्षा के लिए भारतीय पक्ष पर बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं.
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एससीएच/
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